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भारत
Aurangzeb Controversy: औरंगजेब विवाद पर पूरे देश में प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. छावा फिल्म के साथ शुरू हुए इस प्रसंग ने अब सियासी रंग ले लिया है. संघ ने भी इस पूरे विवाद पर अब टिप्पणी की है.
छावा फिल्म की सफलता के बाद एक बार फिर औरंगजेब पर सियासी बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. पिछले दिनों औरंगजेब की कब्र की वजह से महाराष्ट्र की राजनीति में भारी उबाल आ गया है और नागपुर में इसी तनाव की वजह से हिंसा भी हुई है. इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. बेंगलुरु में संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग गंगा जमुनी तहजीब की बात करते हैं उन्होंने औरंगजेब को आइकॉन बनाने का काम किया है. यही वो लोग हैं जो उसके भाई (दारा शिकोह) के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं.
औरंगजेब मुद्दे पर संघ महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि समाज में कोई किसी भी मुद्दे को उठा सकता है. उन्होंने कहा, 'गंगा जमुनी तहजीब की बात करने वालों ने औरंगजेब को आइकॉन बनाया. ये लोग उनके भाई के बारे में कुछ नहीं बोलते हैं. मुख्य मुद्दा यह है कि हमें किसे आदर्श बनाना है? बाहर से आए लोगों को आदर्श बनाना है या यहां के लोगों का सम्मान किया जाना चाहिए. हमें इस मानसिकता के साथ सोचना होगा.' उन्होंने कहा कि औरंगजेब मार्ग का नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड किया गया है. बता दें कि औरंगजेब ने सत्ता के लिए अपने भाइयों की हत्या की थी और आरएसएस के महासचिव उस ओर ही इशारा कर रहे थे.
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संघ महासचिव ने परिसीमन के मुद्दे पर कहा कि पहले जनगणना होने दीजिए उसके बाद परिसीमन पर भी बात की जाएगी. उन्होंने कहा, 'डिलिमिटेशन होने दीजिए. उसके बाद हम देखेंगे कि क्या कहा जा सकता है.' बता दें कि परिसीमन को लेकर भी उत्तर बनाम दक्षिण की बहस तेज हो गई है. परिसीमन के विरोध में शनिवार को चेन्नई में डीएमके, आम आदमी पार्टी, वामपंथी दलों, टीएमसी समेत की अन्य विपक्षी दलों ने अहम बैठक की है.
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