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सेहत
हाल ही में सप्ताह में 70-90 घंटे तक काम करने को लेकर जारी बहस के बीच शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा ने अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि इसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है...
90 Hour Work Week- आमतौर पर ऑफिसों में किसी कर्मचारी से सात से आठ घंटे का काम लिया जाता है, हालांकि कुछ समय से सप्ताह में काम के घंटे को लेकर बहस छिड़ी हुई है. पर लंबे समय तक काम करने की आदत आपके स्वास्थ्य के लिए कई मामलों में खतरनाक साबित हो सकती है. सप्ताह में 70-90 घंटे तक काम करने को लेकर जारी बहस के बीच शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा ने अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा कि इसका (Long Working Hours) स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और इससे व्यक्ति गंभीर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की चपेट में आ सकते हैं.
मानसिक स्वास्थ्य के लिए है हानिकारक
समीक्षा में कहा गया कि डेस्क पर लंबे समय तक समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. कोई व्यक्ति डेस्क पर अगर प्रतिदिन 12 घंटे या उससे अधिक समय बिताता है, उसे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
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इस समीक्षा में पेगा एफ, नफ्राडी बी (2021) और डब्ल्यूएचओ/आईएलओ के कार्य-संबंधी रोग के संयुक्त अनुमानों का हवाला देते हुए बताया गया है कि काम पर बिताए गए घंटों को आमतौर पर उत्पादकता का एक उपाय माना जाता है, लेकिन अध्ययन ने साफ है कि सप्ताह में 55-60 घंटे से अधिक काम करने का सेहत पर प्रतिकूल असर हो सकता है.
सैपियन लैब्स सेंटर फॉर ह्यूमन ब्रेन एंड माइंड के एक अध्ययन का हवाला देते हुए आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि डेस्क पर लंबे समय तक बैठना मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. 12 घंटे या उससे अधिक समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की ओर धकेल सकता है.
बढ़ता है इन बीमारियों का खतरा
हाल ही में वैश्विक विश्लेषण में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने रोजाना लंबे समय तक काम करने वाले लोगों को आगाह किया था. WHO ने कहा था कि जो लोग दिन में ज्यादा देर तक काम करते रहते हैं, उनमें स्ट्रोक और हृदय रोगों से होने वाली मौतों की खतरा 29 प्रतिशत तक अधिक होता है.
इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि बहुत देर तक काम करने से बचना चाहिए, बताते चलें कि अध्ययनकर्ताओं ने हृदय रोग के 37 अध्ययनों में 7.68 लाख और स्ट्रोक के 22 अध्ययनों में 8.39 लाख से अधिक प्रतिभागियों को शामिल करके यह अध्ययन किया था.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर्स से संपर्क करें.)
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