फैट बर्नर पिल की तरह कमर और पेट की चर्बी जला देंगे ये फूड, 7 दिनों का ये वेजिटेरियन डाइट फॉलो करें
PPF में पैसे लगाकर हर महीने कमा सकते हैं 56 हजार रुपये, नहीं देना होगा कोई टैक्स, जानिए कैसे
जम्मू-कश्मीर में चौथे दिन भी सेना का 'ऑपरेशन अखल' जारी, एक और आतंकवादी ढेर
...तो हिमाचल प्रदेश देश के नक्शे से गायब हो जाएगा, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?
सेहत
ICMR के साथ AIIMS की इस रिसर्च में युवाओं की मौत का कारण मायोकार्डियल इंफार्क्शन बताया गया है. वहीं इसकी वजह जेनेटिक म्यूटेशन भी बताई गई है. हालांकि, स्टडी अभी कंपलीट नहीं हुई है. लेकिन जैसे ही ये स्टडी कंप्लीट होगी रिसर्च फिर से शेयर की जाएगी..
चलते फिरते, एक्सरसाइज करते, घूमते फिरते और नाचते गाते बच्चे हों, युवा हों या फिर बुजुर्ग सडन हार्ट अटैक से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. हाल ही में जब कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कोविड की वैक्सीन को हार्ट अटैक के लिए दोषी ठहराया तो इसको लेकर एम्स और आईसीएमआर एक स्टडी सार्वजनिक की गई है, जिसमें बताया गया है कि कोविड की वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है. हालांकि, DNA से बातचीत में हेल्थ एक्सपर्ट्स ने लाइफ स्टाइल, जंक फूड और जेनेटिक्स और कोरोना के बाद शरीर में आए बदलाव भी इसका प्रमुख कारण बताया है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और एम्स की स्टडी में बताया गया है कि 'कोविड के बाद हार्ट अटैक के आंकड़ें तो बढ़े हैं लेकिन इन अचानक हो रहीं मौतों का वैक्सीन से कोई लेना देना नहीं है.'
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि हार्ट अटैक से हो रही अचानक मृत्यु का कोविड-19 वैक्सीन से कोई सीधा संबंध नहीं है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की स्टडी का प्रमाण देते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान जारी किया है. रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है. हाल ही में कर्नाटक के हासन जिले में पिछले 40 दिनों में हार्ट अटैक से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद एकबार फिर से कोविड वैक्सीन पर सवालिया निशान लगे.
हमने कोविड वैक्सीन को लेकर उठ रहे सवालों पर बात की फोर्टिस सी.डॉक के चेयरमैन प्रो. डॉक्टर अनूप मिश्रा से. उन्होंने कहा, 'कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी है, और इससे जुड़े गंभीर दुष्प्रभाव बहुत ही दुर्लभ हैं. भारत सहित कई देशों में हुए बड़े स्तर के निगरानी कार्यक्रमों और वैज्ञानिक विश्लेषणों से भी यही बात सामने आई है कि वैक्सीन से किसी व्यक्ति की अचानक मौत, खासकर हार्ट अटैक जैसी घटनाएं, सीधे तौर पर जुड़ी नहीं हैं.
वो आगे कहते हैं कि वैसे कुछ मामलों में वैक्सीनेशन के बाद असामान्य घटनाएं देखी गई हैं, लेकिन ये आमतौर पर उन लोगों में होती हैं जो पहले से ही किसी न किसी हार्ट डिजीज, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशन से पीड़ित रहे हैं. वहीं जब हमारी बात आकाश हेल्थ केयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. आशीष चौधरी से हुई तो उन्होंने सरकार द्वारा जारी ये बयान स्वागत योग्य बताया.
उन्होंने आगे कहा कि हार्ट अटैक से हो रही अचानक मौतों को लेकर पिछले कुछ समय से लोगों में भ्रम और डर का माहौल बना हुआ है लेकिन इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और एम्स (AIIMS) जैसी टॉप साइंस की ऑर्गेनाइजेशन ने यह भी साफ किया है, 'किसी भी वैक्सीन की तरह कोविड वैक्सीन के भी कुछ सामान्य साइड इफेक्ट हो सकते हैं, लेकिन यह गंभीर हार्ट डिजीज का कारण नहीं है.'
वहीं पी एस आर आई इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. के के तलवार बताते हैं कि इस रिसर्च ने लोगों के भ्रम को दूर कर दिया है और ये रिसर्च का आना बहुत जरूरी था.
डॉ. आशीष ने लोगों से गुजारिश की है कि लोग भ्रमित न हों. डॉ. चौधरी ने लोगों से आग्रह किया है, 'वे सोशल मीडिया या अफवाहों के आधार पर भ्रमित न हों और स्वास्थ्य संबंधी निर्णय केवल वैज्ञानिक तथ्यों और डॉक्टरों की सलाह पर लें.' वह आगे कहते हैं कि कोविड-19 वैक्सीन न केवल सुरक्षित है, बल्कि यह जीवनरक्षक भी है और हमें भविष्य की संभावित लहरों से भी सुरक्षा प्रदान करती है.'
आईसीएमआर के साथ एम्स की इस रिसर्च में युवाओं की मौत का कारण मायोकार्डियल इंफार्क्शन बताया गया है. वहीं इसकी वजह जेनेटिक म्यूटेशन भी बताई गई है. हालांकि, स्टडी अभी कंपलीट नहीं हुई है. लेकिन जैसे ही ये स्टडी कंप्लीट होगी रिसर्च फिर से शेयर की जाएगी. वहीं यहां यह बताना जरूरी है कि 2020 और 2023 के बीच हार्ट अटैक के मामले में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. ये आंकड़े डरा इसलिए रहे हैं क्योंकि अटैक युवाओं को हो रहा है और एजग्रुप 18 से 40 है.
डॉ. अनूप मिश्रा बताते हैं कि युवाओं की हो रही मौत का सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल है. वह आगे कहते हैं,' लेजी लाइफस्टाइल, स्ट्रेस, खान-पान पर ध्यान न देना, स्मोकिंग, शराब का सेवन और कई बार ये मामले जेनेटिक्स भी हो सकते हैं.
जबकि पी एस आर आई इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉ. के के तलवार कहते हैं कि, 'युवाओं की हो रही मौतों का सबसे बड़ा कारण उनकी अनहेल्दी लाइफस्टाइल है. '
एक तो पॉल्यूशन उस पर स्मोकिंग खतरनाक कंबीनेशन हैं. वह आगे कहते हैं कि शराब का सेवन ये जरूरत से ज्यादा करते हैं. भूख लगती है तो ये फ्राइड खा लेते हैं जिसकी वजह से युवाओं में अटैक का आंकड़ा बढ़ रहा है. इसलिए सीधे तौर पर कोविड वैक्सीन को लेकर जो भ्रम फैलाया जा रहा था अब उसपर लगाम लगेगी.
बता दें कि हेल्थ मिनिस्ट्री ने आईसीएमआर की ओऱ से जारी रिलीज में कहा है कि यह स्टडी 19 राज्यों और यूटी के 47 अस्पतालों में मई से अगस्त 2023 के बीच की गई थी. यदि एनसीआरबी के डाटा पर नजर डालें तो कोविड की वजह से जहां 2017 में 23,246, 2018 में 25, 764 और 2019 में 28,005 मौतें हुईं थीं, वहीं 2020 में 28,579, 2021में 28,413 और 2022 में 32, 457 मौतें हुई हैं.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.