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अब किसी भी विषय में कर पाएंगे पोस्ट ग्रेजुएशन, PG Course को लेकर UGC ने बदले नियम

अगर आप पोस्ट ग्रेजुएशन करने जा रहे हैं तो यूजीसी के ये बदले हुए नियम जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. जानें सारे डिटेल्स

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अब किसी भी विषय में कर पाएंगे पोस्ट ग्रेजुएशन, PG Course को लेकर UGC ने बदले नियम

UGC

अगर आप ग्रेजुएशन पूरा कर चुके हैं और पीजी करने का मन बना रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP 2020 के मुताबिक पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम्स के करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क में बदलाव किया है.

NEP 2020 में PG प्रोग्राम्स में बदलाव की सिफारिश की गई है जिसमें स्टूडेंट्स के पास 1 साल का पीजी कोर्स, 2 साल का पीजी कोर्स या पीजी डिप्लोमा करने का विकल्प होगा. इसके अलावा स्टूडेंट के पास कोर्स के पहले साल के बाद पढ़ाई छोड़ने की भी आजादी होगी.

यह भी पढ़ें- अब स्टूडेंट्स साल में 2 बार यूनिवर्सिटी में ले पाएंगे एडमिशन, UGC ने दी इजाजत

यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने कहा, 'इस ढांचे में पीजी में एडमिशन के लिए किसी खास विषय की जरूरत नहीं होगी. इसमें एक और दो साल के पीजी कार्यक्रमों के लिए क्रेडिट और शैक्षणिक संरचना की रूपरेखा दी गई है. साथ ही 2 साल के कोर्स में पहले साल के बाद कोर्स छोड़ने का भी विकल्प है. लचीलापन और गतिशीलता इसकी प्रमुख विशेषताएं हैं.'

 

नए पीजी करिकुलम की खास बातें-
- पढ़ाई के लिए एक विषय से दूसरे विषय में शिफ्ट करने का विकल्प
-स्टूडेंट ने जिस विषय में ग्रेजुएशन किया है, अगर वह चाहे तो उसके अलावा भी किसी भी विषय में पीजी कर सकता है.
- स्टूडेंट को अपनी रुचि का पाठ्यक्रम चुनने का मौका
- स्टूडेंट को अपनी पढ़ाई का मोड जैसे ऑफलाइन, ऑनलाइन, ओडीएल या हाइब्रिड मोड में कोर्स करने का विकल्प

यह भी पढ़ें- ऑनलाइन कोर्स के चक्कर में न बनें बेवकूफ, UGC ने बताया कैसे पहचानें सही Institutes

PG के लिए क्या है रणनीति
- जिन्होंने 3 साल का बैचलर्स कोर्स किया है, उनके लिए 2 साल का रिसर्च बेस्ड प्रोग्राम
- जिन्होंने ऑनर्स या रिसर्च के साथ 4 साल का ग्रेजुएशन किया है, उनके लिए 1 साल का पीजी प्रोग्राम
- 5 साल के इंटीग्रेटेड बैचलर्स और मास्टर्स प्रोग्राम की भी सिफारिश की गई है
- यूनिवर्सिटी को मशीन लर्निंग जैसे कोर्स की पढ़ाई कराने का भी निर्देश दिया गया है.

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