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बसपा, कांग्रेस और AIMIM के सभी मुस्लिम प्रत्याशी हारे, सपा ने ही किया प्रतिनिधित्व

यूपी चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि इस चुनाव में मुस्लिम समाज का भरोसा केवल अखिलेश यादव ही जीत पाए हैं.

बसपा, कांग्रेस और AIMIM के सभी मुस्लिम प्रत्याशी हारे, सपा ने ही किया प्रतिनिधित्व

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) अपने आप में ऐतिहासिक रहा है जहां पहली बार एक सत्ताधारी दल सत्ताविरोधी लहर के बावजूद जीतकर दोबारा सत्ता पर काबिज हुआ है तो दूसरी ओर प्रचंड जीत के बावजूद भाजपा (BJP) के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshabv Prasad Maurya) समेत कई मंत्री चुनाव हारे हैं. वहीं दूसरी ओर एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी सामने आया है कि इस बार मुस्लिम वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों की संख्या बढ़ी है जो कि एक अच्छी खबर है लेकिन इसमें दिलचस्प बात यह है कि ये सभी प्रत्याशी सपा-राष्ट्रीय लोकदल (SP-RLD Allaince) के ही हैं. 

बसपा कांग्रेस और AIMIM के मुस्लिम उम्मीदवारों को झटका 

दरअसल, इस विधासनभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की पार्टी बसपा ने 88 मुस्लिम प्रत्‍याशियों को टिकट दिया था लेकिन नतीजों में इनमें से एक भी उम्‍मीदवार नहीं जीत सका है. कांग्रेस ने इस बार 75 मुस्लिम उम्‍मीदवार उतारे थे. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे सभी मुस्लिम प्रत्‍याशियों को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी 60 से ज्‍यादा सीटों पर मुसलमानों को टिकट दिया था. 

मुस्लिम समाज पर जताया था ज्यादा भरोसा

खास बात यह है कि AIMIM के सभी प्रत्‍याशियों को इस बार के चुनाव में मुंह की खानी पड़ी है और उनका यूपी में चुनाव लड़ने का फैसला एक बार फिर गलत साबित हुआ है. ओवैसी की बिहार की तरह यूपी में अपनी हनक चलाने के  ख्वाब को धक्का लगा है. वहीं आंकड़ों के अनुसार बसपा, कांग्रेस और AIMIM ने मुसलमान समुदाय पर दांव लगाया था जो पूरी तरह से विफल रहा. दूसरी तरफ अखिलेश की पार्टी के मुसलमान प्रत्‍याशियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है.

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अखिलेश पर जताया भरोसा

चुनाव नतीजे यह स्पष्ट कर रहे हैं कि इस बार यूपी के मुस्लिम समाज ने पूर्णतः सपा और अखिलेश यादव पर ही भरोसा जताया है. इसका नतीजा यह है कि इस बार सपा और आरएलडी गठबंधन के ही मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं. कांग्रेस समेत किसी अन्य दल का एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं जीता है. वहीं पिछली विधानसभा में 25 मुस्लिम विधायक थे लेकिन इस बार 34 हैं और ये सभी सपा गठबंधन के ही हैं. 

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