अंतर्राष्ट्रीय खबरें
1.पेड़ और फोटो सिंथेसिस
पेड़ Photosynthesis में वातावरण में मौजूद CO2 और सूरज से मिलने वाली रोशनी का इस्तेमाल करते हैं और ऑक्सीजन रिलीज़ करते हैं. एक तरह से ये कहा जा सकता है कि कार्बन डाय ऑक्साइड पेड़ का खाना हैं. पेड़ों को जितना ज्यादा CO2 मिलेगा, वो उतने हरे होंगे.
2.पेड़ और ज्वालामुखी
वैज्ञानिकों ने बताया कि जमीन के अंदर एक्टिव ज्वालामुखी दो तरह के गैस रिलीज़ करता है. एक सल्फर डाय ऑक्साइड और दूसरा कार्बन डाय ऑक्साइड. सल्फर डाय ऑक्साइड का पता आसानी से लगाया जा सकता है, पर चूंकि कार्बन डाय ऑक्साइड हवा में घुल जाता है, इसलिए उसका पता लगा पाना मुश्किल होता है. एक्टिव ज्वालामुखी के आसपास CO2 की मात्रा ज्यादा होगी, उस इलाके के पेड़ों की जड़ें इस CO2 को कन्ज्यूम करेंगे और इस वजह से वहां के पेड़ों की पत्तियों का रंग भी गहरा होगा.
3.NASA ने क्या बताया?
NASA के वैज्ञानिकों का कहना है कि सैटेलाइट इमेजेस की मदद से पेड़ों के रंगों को ऑब्जर्व किया जा सकता है. जिन इलाकों में अचानक और तेज़ी से पेड़ों के रंग में बदलाव आए, वहां एक्टिव ज्वालामुखी हो सकता है. वैज्ञानिकों कहा कहना है कि पेड़ों के रंग में बदलाव ज्वालामुखी का शुरुआती लक्षण हो सकता है.
4.अभी कैसे पता चलता है ज्वालामुखी का?
फिलहाल पारंपरिक तरीकों से ज्वालामुखी का पता लगाया जाता है. इसके लिए सिस्मिक वेव्स की स्टडी की जाती है. इसके साथ ही ये देखा जाता है कि किसी इलाके में ज़मीन में बदलाव तो नहीं है या इलाके में गैसेस का स्तर क्या है?
5.पूरी दुनिया में कितने ज्वालामुखी हैं?
फिलहाल पूरी दुनिया में 1350 सक्रिय ज्वालामुखी हैं. इनमें से सबसे ज्यादा ज्वालामुखी अमेरिका, इंडोनेशिया, रूस, चिली और जापान में हैं. इनमें से अमेरिका में सबसे ज्यादा 170 ज्वालामुखी हैं.