Twitter
Advertisement

Joe Root Century: ब्रूक के बाद जो रूट का शतक, दांव पर लगा सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड; संगकारा को भी पछाड़ा

जब टीचर ने पूछा, फोन क्यों नहीं देखना चाहिए? बच्चों ने दिए ऐसे जवाब, सुनकर हैरान रह जाएंगे आप! Video Viral

IND vs ENG: कैच पकड़ने के बाद कैसे मिला हैरी ब्रूक को छक्का? सिराज की एक गलती से हारेगी टीम इंडिया, मांगनी पड़ी माफी

दुनिया के इन 5 देशों के पास है सबसे ज्यादा UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स! जानें कहां है भारत

कौन हैं Karishma Kotak? जिन्हें WCL के मालिक ने लाइव टीवी पर किया प्रपोज, बला की खूबसूरत हैं एंकर

एक्ट्रेस संगीता बिजलानी ने TIGP 2025 ब्यूटी क्वीन्स को पहनाया ताज, जानें टीन से लेकर मिस और मिसेज इंडिया का ताज किसके सिर सजा? 

दो EPIC नंबर वाले वोटर आईडी को लेकर बुरे फंसे तेजस्वी यादव, चुनाव आयोग ने भेज दिया नोटिस

Sugar Remedy: इस पेड़ की पत्तियों में है ब्लड शुगर कंट्रोल करने की ताकत, जानें इस्तेमाल का तरीका

IND vs ENG: अगर ड्रॉ हुई भारत-इंग्लैंड सीरीज, तो कहां रखी जाएगी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी?

मुंबई से अहमदाबाद सिर्फ 127 मिनट में! भारत की पहली बुलेट ट्रेन को लेकर अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान

UN में पाकिस्तान की फजीहत! मांगी थी 4 टेरर पैनल की अध्यक्षता लेकिन मिला एक, UNSC ठुकराई पाकिस्तान की मांग

UN में पाकिस्तान की ऐसी फजीहत हुई है कि वह अब अपना चेहरा छुपाते हुए घूम रहा है. दरअसल पाक ने उम्मीद की की थी उसे चार टेरर पेनल की अध्यक्षता करने का मौका मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

Latest News
UN में पाकिस्तान की फजीहत! मांगी थी 4 टेरर पैनल की अध्यक्षता लेकिन मिला एक, UNSC ठुकराई पाकिस्तान की मांग

 UN counter-terrorism committees

पाकिस्तान की हालिया स्थिति कुछ ऐसी है कि वह अब कहीं चेहरा दिखाने लायक नहीं बचा है. आपने 'ऊंची दुकान और फीका पकवान' वाली कहावत तो सुनी ही होगी. ये कहावत इस समय पाकिस्तान पर बिल्कुल सही बैठती है. दरअसल पाक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चार आतंकवाद विरोधी समितियों की कमान पाने की आस लगाई. लेकिन उसे बड़े दावों और भारी बयानों के साथ केवल एक छोटे से पद पर ही संतुष्ट होना पड़ा. ये पाक की अतंराष्ट्रीय छवि को दुनिया के सामने रखने के लिए काफी है. 

ऊंची दुकान फीका पकवान
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान ने आतंकवाद से जुड़ी चार प्रमुख समितियों की अध्यक्षता की मांग की थी, लेकिन उसके चाहने के मुताबिक कुछ नहीं हुआ बल्कि उसे उसे केवल एक '1988 तालिबान प्रतिबंध समिति' की जिम्मेदारी ही मिल सकी. इसके अलावा पाकिस्तान को 1373 आतंकबाद निरोधक समिति में महज  एक औपचारिक उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा. पाकिस्तान की ये विफलता उसकी कूटनीतिक महत्वाकांक्षा और साख दोनों पर की सवालिया निशान छोड़ रही है. 

भारत ने चुपचाप किया बड़ा खेल
वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत की चुपचाप चल रही रणनीतिक बढ़त को भी उजागर करता है. भारत ने न केवल 2022 में बल्कि 2011-12 में भी 1373 सीटीसी की अध्यक्षता की थी. यह अनुभव और विश्वसनीयता भारत को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर मजबूत स्थान दिलाता है, जबकि पाकिस्तान केवल सीमित भूमिका तक सिमट गया है. ये मुकाबला अब पद का नहीं विश्वास का बन गया हैं. यहां पर अब अध्यक्षता नहीं बल्कि भरोसा ज्यादा मायने रखता हैं.

अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकx,   इंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement