दुनिया के इन 5 देशों के पास है सबसे ज्यादा UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स! जानें कहां है भारत
कौन हैं Karishma Kotak? जिन्हें WCL के मालिक ने लाइव टीवी पर किया प्रपोज, बला की खूबसूरत हैं एंकर
दो EPIC नंबर वाले वोटर आईडी को लेकर बुरे फंसे तेजस्वी यादव, चुनाव आयोग ने भेज दिया नोटिस
Sugar Remedy: इस पेड़ की पत्तियों में है ब्लड शुगर कंट्रोल करने की ताकत, जानें इस्तेमाल का तरीका
IND vs ENG: अगर ड्रॉ हुई भारत-इंग्लैंड सीरीज, तो कहां रखी जाएगी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी?
मुंबई से अहमदाबाद सिर्फ 127 मिनट में! भारत की पहली बुलेट ट्रेन को लेकर अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान
अंतर्राष्ट्रीय खबरें
इंटरपोल ने 'सिल्वर नोटिस' नाम से एक नई सुविधा शुरू की है. इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल 51 देशों में चलाया गया है. CBI ने कुछ केस इंटरपोल को भेजे हैं.
CBI ने इंटरपोल के नए प्लेटफॉर्म सिल्वर नोटिस के जरिए भारत का पहला केस इंटरपोल में दर्ज करवाया है जिसके तहत दुनिया भर के देशों को अपराधियों की संपत्तियों से जुड़ी जानकारी आपस में साझा करने में मदद मिलेगी. इस नोटिस के जरिए सदस्य देश किसी व्यक्ति की अवैध कमाई से जुड़ी संपत्तियों जैसे मकान, गाड़ियां, बैंक खाते और व्यापार आदि की जानकारी मांग सकते हैं. इससे धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार, नशा तस्करी और अन्य गंभीर अपराधों में जुटाई गई संपत्ति को ट्रैक करने और जब्त करने की प्रक्रिया आसान होगी.
यह सुविधा फिलहाल एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई है, जिसमें 51 देश शामिल हैं. यह पायलट नवंबर 2025 तक चलेगा और हर देश को इसमें 9 सिल्वर नोटिस जारी करने का मौका मिलेगा. भारत ने CBI, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के मामलों में सिल्वर नोटिस के लिए आवेदन दिए हैं.
23 मई 2025 को भारत का पहला सिल्वर नोटिस CBI ने शौकीन शुभम के खिलाफ जारी करवाया, जो एक विदेशी देश के दिल्ली स्थित दूतावास में वीजा और स्थानीय कानून अधिकारी के पद पर था. सितंबर 2019 से मई 2022 के बीच उसने दूसरों के साथ मिलकर शेंगेन वीजा दिलवाने के बदले हर व्यक्ति से 15 लाख से 45 लाख रुपये तक की रिश्वत ली. इन अवैध पैसों से उसने दुबई (UAE) में करीब 15.73 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी. इससे पहले, CBI ने उसकी तलाश के लिए इंटरपोल से ब्लू नोटिस भी जारी करवाया था.
26 मई 2025 को ED के अनुरोध पर CBI ने दूसरा सिल्वर नोटिस अमित मदनलाल लखनपाल के खिलाफ जारी करवाया. उसने MTC नाम की एक अवैध क्रिप्टोकरेंसी शुरू की और लोगों को झांसा देकर करीब 113 करोड़ रुपये इकट्ठा किए. उसने खुद को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का प्रतिनिधि बताकर लोगों का विश्वास जीता और पैसे ले लिए, लेकिन बाद में न तो पैसा लौटाया और न ही वादा निभाया. इस मामले में पहले ही एक रेड नोटिस जारी किया जा चुका है.
सिल्वर नोटिस के जरिए ऐसे अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाने और उन पर कार्रवाई करने में मदद मिलेगी. यह पहल दुनियाभर में अपराध से कमाई गई संपत्ति की बरामदी को तेजी से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.