दुनिया के इन 5 देशों के पास है सबसे ज्यादा UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स! जानें कहां है भारत
कौन हैं Karishma Kotak? जिन्हें WCL के मालिक ने लाइव टीवी पर किया प्रपोज, बला की खूबसूरत हैं एंकर
दो EPIC नंबर वाले वोटर आईडी को लेकर बुरे फंसे तेजस्वी यादव, चुनाव आयोग ने भेज दिया नोटिस
Sugar Remedy: इस पेड़ की पत्तियों में है ब्लड शुगर कंट्रोल करने की ताकत, जानें इस्तेमाल का तरीका
IND vs ENG: अगर ड्रॉ हुई भारत-इंग्लैंड सीरीज, तो कहां रखी जाएगी एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी?
मुंबई से अहमदाबाद सिर्फ 127 मिनट में! भारत की पहली बुलेट ट्रेन को लेकर अश्विनी वैष्णव का बड़ा ऐलान
भारत
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने दुनिया के लिए एक बेहद अहम संदेश साझा किया है. डॉ. सुभाष चंद्रा ने बताया कि प्लास्टिक का वह एक टुकड़ा यूं ही गायब नहीं हो जाता. बल्कि वह मिट्टी का हिस्सा बन जाता है और समुद्र में समा जाता है.
हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस साल भी यह दिवस गुरुवार को 'प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ' थीम के साथ मनाया गया. इस अवसर पर, पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने दुनिया के लिए एक भावपूर्ण और सामयिक संदेश साझा किया है. एक वीडियो में अपने विशेष संबोधन में, डॉ. चंद्रा ने हमारे समय की दबावपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों पर अपने विचार साझा किये.
डॉ. चंद्रा ने कहा कि हमारी मामूली सी लापरवाही से भी आसपास के वातावरण और प्रकृति का बहुत बड़ा विनाश होता है. वीडियो की शुरुआत डॉ. सुभाष चंद्रा द्वारा एक साधारण सवाल पूछने से होती है, 'यह सिर्फ़ एक रैपर है...ठीक है?' उन्होंने वीडियो को 'एक आवाज़ से...पूरी दुनिया के लिए' शीर्षक दिया.
वीडियो में, उन्होंने सभी से पर्यावरण के प्रति दयालु होने का आग्रह किया. वह बताते हैं कि हम कितनी बार प्लास्टिक कचरे को महत्वहीन मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं - बस एक स्ट्रॉ, एक बोतल या एक लापरवाह पल. लेकिन वह इस सोच को चुनौती देते हुए पूछते हैं, 'क्या होगा अगर यह कभी सिर्फ़ एक ही न हो?'
डॉ. चंद्रा बताते हैं कि प्लास्टिक का वह एक टुकड़ा यूं ही गायब नहीं हो जाता. इसके बजाय, वह मिट्टी का हिस्सा बन जाता है, समुद्र में रिस जाता है और छोटे-छोटे अदृश्य टुकड़ों में टूट जाता है. ये माइक्रोप्लास्टिक देखने में तो बहुत छोटे होते हैं लेकिन नज़रअंदाज़ करने के लिए बहुत गंभीर होते हैं.
"From One Voice... To The Whole World". - Dr. Subhash Chandra #BeatPlasticPollution #WorldEnvironmentDay #EnvironmentDay2025 pic.twitter.com/riE77P6FJR
— Subhash Chandra (@subhashchandra) June 5, 2025
उन्होंने कहा, 'आप जो सांस अंदर लेते हैं, वह पेड़ की देन है.' उन्होंने आगे कहा, 'आपकी छोटी-सी पसंद जीवन के पूरे जाल में गूंजती है.' वह हमें ग्रह के प्रति और एक-दूसरे के प्रति ज़्यादा दयालु होने का आग्रह करते हैं.
डॉ. चंद्रा ने कहा कि, 'पृथ्वी के प्रति, दूसरों के प्रति, उस अदृश्य धागे के प्रति थोड़ा ज़्यादा दयालु बनें जो हम सभी को जोड़ता है,' हमें याद दिलाते हुए कि, चेतना और अच्छाई के हर छोटे-से-छोटे काम में सार्थक बदलाव लाने की क्षमता होती है.