Twitter
Advertisement

दिल्ली के ऊपर नहीं उड़ेंगे पैरा-ग्लाइडर, ड्रोन जैसै कई और एयरक्रॉफ्ट्स, जानें दिल्ली पुलिस ने क्यों किया प्रतिबंधित

इस Magical Tea से रिप्लेस करें रोज की चाय, नसों से बाहर निकल जाएगा गंदा Cholesterol

DU UG Admission 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी राउंड 3 अपग्रेड, प्रेफरेंस रीऑर्डर विंडो आज होगी बंद, देखें डिटेल्स

क्या देश छोड़ने की तैयारी में हैं एक्शन हीरो अक्षय कुमार? 7 महीने एक्टर ने बेच दीं मुंबई की 8 प्रॉपर्टीज

जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए किशोर कुमार को आया था फोन, लेकिन इस एक शर्त ने पूरा खेल बिगाड़ दिया

Takotsubo Cardiomyopathy: कब दिल टूटने पर चली जाती है जान? जानें क्या है ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी बीमारी

कमांडो नहीं अब कॉकरोच लड़ेंगे जंग? यह देश बना रहा आर्मी की नई रेजीमेंट

सोने से जुड़ी ये गलती 172 तरह के रोग दे सकती है, नींद पर हुई ये रिसर्च पढ़कर खुली रह जाएंगी आंखें

August Holidays 2025: अगस्त के महीने में कब-कब बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज? यहां देखिए छुट्टियों की पूरी लिस्ट

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में तीसरे दिन भी सुरक्षा बलों का अभियान जारी, एक आतंकवादी ढेर

सांसद जो हार गए हैं विधायकी क्या चली जाएगी उनकी सदस्यता?

4 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने अपने सांसदों को भी उतार दिया था. सांसद बने रहना है या विधानसभा जाना है, इसके लिए पार्टी के पास कुल 14 दिन का समय है.

सांसद जो हार गए हैं विधायकी क्या चली जाएगी उनकी सदस्यता?

बीजेपी सांसद बंदी संजय कुमार.

डीएनए हिंदी: 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आ गए हैं. बीजेपी 3 राज्यों में सरकार बना रही है. इस चुनाव को 2024 का लिटमस टेस्ट कहा जा रहा था. चुनाव ने साबित कर दिया कि मोदी मैजिक अभी बरकरार है. बीजेपी के लिए यह चुनाव इतना अहम था कि इसके लिए कई सियासी दिग्गजों को चुनावी समर में उतार दिया था. बीजेपी के कई सांसद भी चुनावी मैदान में उतरे थे. अब बीजेपी पर सबसे बड़ा दबाव यह है कि इन जीते हुए सांसदों को 14 दिनों के भीतर यह फैसला लेना होगा कि वे लोकसभा और राज्यसभा में रहेंगे या विधानसभा जाएंगे.

अगर कोई फैसला वे नहीं लेते हैं तो उनकी संसद सदस्यता 14 दिनों में रद्द हो जाएगी. सांसदों के लिए ये बेहद मुश्किल घड़ी है. वे राज्य में अपनी भूमिका से संतुष्ट होते हैं या केंद्र में अपनी आवाज बुलंद करते हैं. जिन सांसदों की हार हुई है, वे संसद सदस्य बने रह सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- Winter Session 2023: विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद आज से संसद सत्र, बैकफुट पर विपक्ष बीजेपी के हौसले बुलंद 

कहां से लड़े थे कितने सांसद?
बीजेपी ने मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में 7 सांसद उतार दिए थे. छत्तीसगढ़ में 4, तेलंगाना में 3 सांसद उतरे थे. इन राज्यों में उतरे ज्यादातर सांसद जीत गए हैं. अब इनके पास संसद या विधानसभा चुनने के लिए सिर्फ 14 दिन हैं. इतने दिनों के भीतर इन्हें कोई फैसला लेना होगा. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो वे अपनी सदस्यता गंवा देंगे.

किन सांसदों को मिली है हार
एमपी में फग्गन सिंह कुलस्ते और गणेश सिंह हार गए हैं. राजस्थान मे भागीरथ चौधरी, नरेंद्र खीचड़ देवजी पटेल हार गए हैं. छत्तीसगढ़ में विजय बघेल हार गए हैं. तेलंगाना में बीजेपी के बंदी कुमार संजय हार गए हैं. धर्मपुरी अरविंद हार गए हैं. सोयम बाबू हार गए हैं.

क्यों होगा ऐसा?
संविधान का अनुच्छेद 101 के तहत एक साथ दो सदनों की सदस्यता का प्रतिषेध नियम, यह बाध्य करता है कि ऐसी स्थिति में अगर 14 दिन के भीतर कोई फैसला नहीं लेते हैं तो उनकी संसद सदस्यता चली जाती है. उनकी राज्य विधानसभा के भीतर सदस्यता बनी रहेगी.

यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में 'शिव' का रहेगा राज, इन 5 योजनाओं ने लगाई नैया पार

कौन-कौन से सांसदों को लेना होगा फैसला?
बीजेपी ने चुनाव समर में केंद्रीय मंत्रियों तक को उतार दिया था. एमपी में नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह समेत 7 लोग उतरे थे. राजस्थान में दिया कुमारी, बाबा बालकनाथ, गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई दिग्गज उतरे हैं. छत्तीसगढ़ में 4, तेलंगाना में 3 सांसदों को अब यह फैसला लेना होगा कि वे विधानसभा जाते हैं या लोकसभा की राह पकड़ते हैं. फैसला लेने की समयावधि महज 14 दिन है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement