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Maoist Link Case में DU के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को रिहा करने का आदेश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में जेल में बंद डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है...

Maoist Link Case में DU के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा को रिहा करने का आदेश

जीएन साईबाबा

डीएनए हिन्दी: चरमपंथी माओवादियों से संबंध रखने और 'देशद्रोह' के आरोप में जेल बंद दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा (DU Ex-DU professor GN Saibaba) को रिहा करने का आदेश दिया गया है. बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) की नागपुर बेंच ने शुक्रवार को यह आदेश जारी किया कि साईबाबा को तुरंत जेल से रिहा किया जाए.

जस्टिस रोहित देव और अनिल पानसरे की बेंच ने यह आदेश जारी किया. साईबाबा ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी. निचली अदालत ने 2017 में साईबाबा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

फिलहाल साईबाबा नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं. वह व्हीलचेयर की मदद से चलते-फिरते हैं. बेंच ने न सिर्फ साईबाबा बल्कि उनके साथ 5 अन्य आरोपियों को भी रिहा कर दिया है. इनमें से एक शख्स की पहले ही हो गई है.

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बेंच ने यह सख्त आदेश दिया है कि उन्हें तत्काल रिहा किया जाए, अगर वे किसी और मामले में दोषी न हों तो.

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गौरतलब है कि मार्च 2017 में गढ़चिरौली की एक अदालत ने साईबाबा और उनके साथ 5 अन्य लोगों को माओवादियों के साथ रिश्ते रखने और देशद्रोह के आरोप में दोषी ठहराया था. अदालत ने साईबाबा और अन्य को यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया था.

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