भारत
अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को उनकी टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उन्होंने अंतरिक्ष स्टेशन से भारत के लिए पहला संदेश भेजा है.
भारत के पहले पेशेवर अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को उनकी टीम के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गर्मजोशी से स्वागत किया गया. स्पेसएक्स के ड्रैगन यान के ज़रिए शुभांशु और उनकी Axiom-4 (Ax-4) टीम ने शाम 4:10 बजे सफलतापूर्वक डॉकिंग की. डॉकिंग के बाद 1–2 घंटे की सुरक्षा जांच पूरी होने पर हैच खोला गया और ISS के निवर्तमान क्रू ने गले मिलकर उनका स्वागत किया.
ISS पर प्रवेश करते ही शुभांशु को एस्ट्रोनॉट नंबर 634 का बैच लगाया गया. NASA की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन ने उन्हें गले लगाते हुए कहा, “हमारे नए दोस्त का स्वागत है.” इसके बाद ISS क्रू ने उन्हें और उनकी टीम को स्वागत पेय और फ्लेवर्ड ड्रिंक्स (जैसे नींबू पानी) दिए, जो माइक्रोग्रैविटी में स्ट्रॉ के ज़रिए पी गईं.
शुभांशु ने इस मौके पर कहा, “मुझे अपने क्रू और ISS टीम का गर्मजोशी भरा स्वागत देखकर बहुत खुशी हुई. यह मेरे लिए और पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है.”
शुभांशु और उनकी टीम अब 14 दिन तक ISS पर रहेंगी और कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगी, जिनमें से 7 प्रयोग भारत से जुड़े होंगे. इनमें शामिल हैं.
बीज उगाने के प्रयोग – अंतरिक्ष में खेती की संभावना को परखने के लिए.
सूक्ष्मजीवों का अध्ययन – कठोर वातावरण में जीवित रहने वाले जीवों पर रिसर्च.
बायोरिएक्टर और माइक्रोस्कोप का प्रयोग – जापानी किबो लैब मॉड्यूल में.
शुभांशु ने ISS के लिए आमरस, गाजर का हलवा और मूंग दाल हलवा साथ ले गए हैं, जिसे वे अपनी टीम के साथ बांटेंगे. वहां फ्रीज-ड्राइड खाना जैसे मांस, फल और सब्जियां भी उपलब्ध रहेंगी.
माइक्रोग्रैविटी के कारण शुभांशु दीवारों पर लगे हैंडल और पैर के लूप का उपयोग करेंगे ताकि वे तैरते न रहें. वे वेल्क्रो स्ट्रैप के साथ स्लीपिंग बैग में सोएंगे और अपनी मांसपेशियों को स्वस्थ रखने के लिए ट्रेडमिल और प्रतिरोध उपकरणों से एक्सरसाइज करेंगे.
शुभांशु का यह मिशन भारत के लिए केवल गर्व का नहीं, बल्कि वैज्ञानिक उन्नति और भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण नींव है. यह यात्रा ISRO और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में प्राइवेट और इंटरनेशनल कोलैबोरेशन को और मज़बूत बनाएगी. उनकी यह यात्रा न केवल अंतरिक्ष में, बल्कि भारत के दिलों में भी एक नया अध्याय लिख रही है.
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