Twitter
Advertisement

DU UG Admission 2025: दिल्ली यूनिवर्सिटी राउंड 3 अपग्रेड, प्रेफरेंस रीऑर्डर विंडो आज होगी बंद, देखें डिटेल्स

क्या देश छोड़ने की तैयारी में हैं एक्शन हीरो अक्षय कुमार? 7 महीने एक्टर ने बेच दीं मुंबई की 8 प्रॉपर्टीज

जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए किशोर कुमार को आया था फोन, लेकिन इस एक शर्त ने पूरा खेल बिगाड़ दिया

Takotsubo Cardiomyopathy: कब दिल टूटने पर चली जाती है जान? जानें क्या है ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी बीमारी

कमांडो नहीं अब कॉकरोच लड़ेंगे जंग? यह देश बना रहा आर्मी की नई रेजीमेंट

सोने से जुड़ी ये गलती 172 तरह के रोग दे सकती है, नींद पर हुई ये रिसर्च पढ़कर खुली रह जाएंगी आंखें

August Holidays 2025: अगस्त के महीने में कब-कब बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज? यहां देखिए छुट्टियों की पूरी लिस्ट

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में तीसरे दिन भी सुरक्षा बलों का अभियान जारी, एक आतंकवादी ढेर

कौन हैं जापान के दिग्गज बिजनेसमैन Hoshi Takayuki? जिसने शिव भक्ति में छोड़ दिया करोड़ों का कारोबार

Numerology: इन 3 तारीखों पर जन्मे लोग होते हैं बाजीगर, साजिश और रुकावटों को रौंदकर पाते हैं सक्सेस और हाई पोस्ट     

Shocking News: चावल और गेहूं के बारे में चौंकाने वाली आई ये खबर, जानिए ICAR ने क्या दी है चेतावनी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिकों की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, आज भारतीयों द्वारा खाया जाने वाला चावल और गेहूं कम पोषकता वाला ही नहीं, जहरीला भी हो गया है.

Latest News
Shocking News: चावल और गेहूं के बारे में चौंकाने वाली आई ये खबर, जानिए ICAR ने क्या दी है चेतावनी

Shocking news about rice and wheat

डीएनए हिंदीः 23 जनवरी, 2024 को, DTE और दिल्ली स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) ने पत्रिका के नए अध्ययन के कवरेज पर चर्चा करने के लिए एक वेबिनार का आयोजित कर  तेजी से उच्च उपज देने वाली चावल और गेहूं की किस्मों को पर चर्चा की और जो बात सामने आई वह बेहद चौकाने वाली है.

आईसीएआर के नेतृत्व वाले अध्ययन ने इन आधुनिक अनाजों के खाद्य मूल्य की जांच की है और रिपोर्ट दी है कि उच्च उपज वाली किस्मों को विकसित करने पर केंद्रित प्रजनन कार्यक्रमों ने चावल और गेहूं के पोषक तत्वों को इस हद तक बदल दिया है कि उनका आहार और पोषण मूल्य कम ही नहीं, विषाक्तता से भरा भी है.

डीटीई की रिपोर्ट के अनुसार , पिछले 50 वर्षों में, चावल में जिंक और आयरन जैसे आवश्यक पोषक तत्वों की सांद्रता में क्रमशः 33 प्रतिशत और 27 प्रतिशत और गेहूं में 30 प्रतिशत और 19 प्रतिशत की कमी आई है.

वेबिनार में कहा कि 1980 के दशक के बाद, प्रजनकों ने अपना ध्यान ऐसी किस्मों को विकसित करने पर केंद्रित कर दिया जो कीटों और बीमारियों के प्रति प्रतिरोधी हों और लवणता, नमी और सूखे जैसे तनावों को सहन कर सकें. 

जमीन से पोषक तत्व नहीं ले पा रहे पौधे

“उन्हें यह सोचने का मौका नहीं मिला कि पौधे मिट्टी से पोषक तत्व ले रहे हैं या नहीं. इसलिए, समय के साथ, हम जो देख रहे हैं वह यह है कि पौधों ने मिट्टी से पोषक तत्व लेने की अपनी क्षमता खो दी है, ”उन्होंने कहा.

2023 का अध्ययन आईसीएआर और बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए 2021 के अध्ययन का विस्तार है. अध्ययन में अनाज पर निर्भर आबादी में जिंक और आयरन की कमी के कारणों पर गौर किया गया. जब अधिक उपज देने वाले चावल और गेहूं की किस्मों का परीक्षण किया गया, तो अनाज में जस्ता और लोहे का घनत्व कम हो गया.

पिछले 50 साल में इनकी फूड वैल्यू में 45 प्रतिशत तक गिरावट आई है. माना जा रहा है कि इसकी दर से अगर चावल और गेहूं की क्वालिटी में गिरावट आती रही तो 2040 तक देश में यह इंसानों के उपभोग के लिए बेकार हो जाएगा. अध्ययन में यह भी पता चला कि चावल में जहरीले तत्व आर्सेनिक की मात्रा 1,493 फीसदी बढ़ गई है.

 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श लें.)

देश और दुनिया की ख़बर, ख़बर के पीछे का सच, सभी जानकारी लीजिए अपने वॉट्सऐप पर-  DNA को फॉलो कीजिए

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement