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डीएनए एक्सप्लेनर
एलन मस्क मुसीबत में हैं. उनपर ट्विटर के 5% से ज़्यादा शेयर खरीदने की जानकारी समय पर न देने के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है. मामले पर मस्क के वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल ने 'कुछ भी गलत नहीं किया है और उन्हें बेवजह फंसाया जा रहा है.
अभी हाल ही में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पार्टी को समर्थन देने वाले और दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शामिल एलन मस्क की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. मस्क को लेकर जो ताज़ा जानकारी बाहर आई है उसके अनुसार उनपर ट्विटर के 5% से ज़्यादा शेयर खरीदने की जानकारी समय पर न देने के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि मास्क ने मार्च 2022 में शेयर खरीदे थे. US Securities and Exchange Commission यानी अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) की शिकायत में कहा गया है कि देरी की वजह से उन्हें कृत्रिम रूप से कम कीमतों पर ट्विटर के शेयर खरीदने की अनुमति मिल गई.
वाशिंगटन डीसी संघीय न्यायालय में दायर किए गए दस्तावेजों में, एसईसी ने कहा कि इस कदम से मस्क को कम से कम $150m (£123m) कम भुगतान करने की अनुमति मिली. आयोग अब ये चाहता है कि मस्क सिविल जुर्माना भरें और वह मुनाफा छोड़ दें जिसके वे हकदार नहीं थे.
मुकदमे के जवाब में मस्क के वकील ने अपनी तरह की अलग दलीलें कोर्ट के सामने पेश की हैं. मस्क के वकील ने कहा है कि, मस्क ने कुछ भी गलत नहीं किया है और उनके साथ जो कुछ भी हो रहा है, उस दिखावे को पूरा देश देख रहा है.
जिक्र एसईसी नियमों का हुआ है. तो ये बता देना भी बहुत ज़रूरी है कि निवेशकों को 5% स्वामित्व सीमा पार करने पर 10 कैलेंडर दिनों के भीतर खुलासा करना आवश्यक है. एसईसी ने कहा कि मस्क ने समय सीमा के 11 दिन बाद यानी 4 अप्रैल 2022 तक अपनी स्थिति का खुलासा नहीं किया. (ध्यान रहे कि इस समय तक मस्क के पास ट्विटर के 9% से अधिक शेयर थे.)
एसईसी ने कहा कि मस्क के खुलासे के बाद ट्विटर के शेयर की कीमत में 27% से अधिक की वृद्धि हुई. मस्क ने बाद में अक्टूबर 2022 में ट्विटर को $44 बिलियन (£36 बिलियन) में खरीद लिया और सोशल मीडिया साइट का नाम बदलकर X कर दिया.
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव के बाद से, मस्क को पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी के साथ मिलकर नव निर्मित सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) का नेतृत्व करने का जिम्मा सौंपा गया है.
तमाम विभागों में इस तरह के अतरंगे चयन को लेकर ट्रंप ने कहा कि विभाग सरकारी नौकरशाही को कम करने, अनावश्यक विनियमनों को कम करने, बेकार खर्चों में कटौती करने और संघीय एजेंसियों के पुनर्गठन के लिए काम करेगा.
चूंकि इस मामले के बाद ट्रंप एक बार फिर आलोचकों के निशाने पर आ गए हैं. कहा यही जा रहा है कि अपनी पिछली सरकार की तरह ट्रंप फिर इस बार ऐसा बहुत कुछ कर रहे हैं. जो असंवैधानिक या ये कहें कि गैर कानूनी है. साथ ही आलोचक ट्रंप पर यह आरोप भी लगा रहे हैं कि वर्तमान में अमेरिका के अलग अलग विभागों में जो कुछ भी अनियमितताएं हो रही हैं. उसकी एकमात्र वजह डोनाल्ड ट्रंप का रवैया है.
बहरहाल बात यहां मस्क के संदर्भ में हुई है. तो ये बता देना भी जरूरी हो जाता है कि अभी हाल ही में संपन्न हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में ट्रंप के समर्थन में मस्क ने पानी की तरह पैसा बहाया था. मस्क के मामले में ये देखना भी खासा दिलचस्प रहेगा कि ट्रंप एहसान का बदला कैसे चुकाते हैं.
बाकी मस्क जांच के घेरे में आते हैं या नहीं? इसका फैसला तो वक़्त करेगा. लेकिन अमेरिका की राजनीति को समझने वाले तमाम राजनीतिक पंडित ऐसे हैं जिनका मानना है कि ट्रंप उन लोगों को याद रखते हैं जो उनके साथ हैं. और क्योंकि मस्क ने उनके साथ बहुत कुछ किया है, इसलिए उनका यही प्रयास रहेगा कि कुछ भी हो जाए लेकिन एलन मस्क का बाल भी बांका न हो.
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