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Israel Iran War: ईरान के 400 किलो के यूरेनियम स्टॉकपाइल को लेकर असमंजस बना हुआ है. ईरान ने अपने यूरेनियम को लेकर चुप्पी बरती हुई है. वहीं कुछ एक्सपर्ट्स दावा कर रहे हैं कि ईरान ने यूरेनियम रिलोकेट कर दिया है, वहीं अमेरिका इस दावे को खारिज कर रहा है.
ईरान के 400 किलो यूरेनियम का अमेरिका नहीं लगा पा रहा है. इतने यूरेनियम से 10 न्यूक्लियर बम बनाए जा सकते हैं. यूरिनियम स्टॉक कहां है इसे लेकर ईरान ने अब तक कुछ साफ नहीं किया है.
रॉयटर्स ने ईरान के एक सीनियर सोर्स के हवाले से लिखा है कि वेपन ग्रेड के ज्यादातर यूरेनियम को अमेरिकी हमले से पहले न्यूक्लियर साइट्स से दूसरी जगह मूव कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि यूरेनियम कहां रखा गया है, इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है.
सैटेलाइट तस्वीरों में अमेरिकी हमले से पहले फोर्डो न्यूक्लियर फेसेलिटी के आसपास असामान्य गतिविधियां रिकॉर्ड की गई हैं. तस्वीरों की एनालिसिस में सामने आया है कि फोर्डो के बाहर गाड़ियों की लंबी कतार लगी थी. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि यूरेनियम को ट्रांसफर करने के लिए बड़ा ऑपरेशन चलाया गया था.
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अमेरिका ने यूरेनियम रीलोकेट करने की संभावना से इनकार कर दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने सैटेलाइट तस्वीरों को मिसलीडिंग बताते हुए कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में यूरेनियम को रीलोकेट करना बेहद खतरनाक है. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, “ट्रक और कार उन कॉन्क्रीट वर्कर्स के थे जो शाफ्ट्स के टॉप को कवर करने की कोशिश कर रहे थे. फेसिलिटी से कुछ भी बाहर नहीं निकाला गया है. इसमें बहुत समय लगेगा. ये बहुत खतरनाक है. ये बहुत भारी है, इसे मूव करना आसान नहीं है.”
अमेरिका के डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने कहा, "मेरी जानकारी में ऐसा कोई इंटेलिजेंस नहीं है जो ये बताता हो कि चीज़ें वहां नहीं थीं जहां होनी चाहिए थीं."
यूरेनियम रिलोकेट किया गया या नहीं? अगर हां तो कहां? इन सवालों का ईरान के आधिकारिक सूत्रों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है. हालांकि, अमेरिकी हमले के बाद ईरान ने साफ किया था कि वो किसी भी कीमत पर झुकेगा नहीं. ईरान के सुप्रीम लीडर खामनेई ने कहा, "यह केवल हमारे न्यूक्लियर प्रोग्राम के बारे में नहीं है. यह ईरान के सरेंडर करने के बारे में है.और यह कभी नहीं होगा."
ईरान और इज़राइल के बीच 12 दिन तक चले टकराव में दोनों तरफ खासा नुकसान हुआ. इजराइली हमले में ईरान के टॉप मिलिट्री लीडर्स की जान चली गई. वहीं, इजराइल ने ईरान के टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की हत्या करवा दी. इसके बाद, अमेरिका ने ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स पर हमले किए. अमेरिका ने दावा किया था कि इन हमलों में ईरान को भारी नुकसान हुआ था.
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