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Viral News in Hindi: चीन के ननजिंग में सरकारी यूनिवर्सिटी ने कैंपस कैफे के मैनेजर की जॉब के लिए सालाना 25,000 डॉलर वेतन देने की बात कही है. इसे चीन की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी में से एक माना जाता है.
Viral News in Hindi: लोग पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद इस उम्मीद में PhD करते हैं कि उन्हें रिसर्चर होने के नाते वैज्ञानिक जैसा सम्मान दिया जाएगा. हमारे देश में तो पीएचडी करने के बाद लोग बड़ी शान से अपने नाम के पहले डॉक्ट्रेट लिखते हैं और किसी बड़ी यूनिवर्सिटी या डिपार्टमेंट में ऊंचे पद की उम्मीद करते हैं. लेकिन यदि आपको पीएचडी करने के बाद भी कैंटीन मैनेजर की नौकरी का ऑफर दिया जाए तो कैसा लगेगा? चीन की एक यूनिवर्सिटी ने अपने कैंपस के कैफे कैंटीन के मैनेजर पद के लिए पीएचडी कैंडीडेट का आवेदन मांगा है. यूनिवर्सिटी ने जॉब एडवरटाइजमेंट में कैंटीन मैनेजर के लिए योग्यता के कॉलम में डॉक्टरल डिग्री यानी PhD होने की जरूरत बताई है, जिसे पढ़कर लोग हैरान रह गए हैं. इसे लेकर बहस छिड़ गई है. लोग पूछ रहे हैं कि पीएचडी डिग्री वाले कैंटीन मैनेजर से क्या कॉकरोच-झींगों पर शोध कराना है?
चीन की मेनलैंड पर सबसे बेस्ट मानी जाती है नानजिंग यूनिवर्सिटी
कैंटीन मैनेजर की वैकेंसी नानजिंग की साउथईस्ट यूनिवर्सिटी ने निकाली है, जिसे चीन की मेनलैंड पर सरकारी सहायता वाली 39 यूनिवर्सिटी में बेस्ट माना जाता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) न्यूजपेपर के मुताबिक, इस वैकेंसी का विज्ञापन Southeast University ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर पोस्ट किया है, जिसमें कैंटीन मैनेजर को नियुक्ति के बाद सालाना 1,80,000 युआन (करीबी 25,000 डॉलर) की सैलरी दिए जाने का जिक्र है. यदि भारतीय करेंसी में बात की जाए तो यह 21 लाख 39 हजार रुपये के करीब बैठता है.
यह बताई गई हैं जिम्मेदारियां
SCMP की रिपोर्ट के मुातबिक, पोस्ट में बताया गया है कि यह नौकरी ऑफिस मैनेजर के लिए है, जो यूनिवर्सिटी की कैंटीनों की देखभाल करेगा यानी उसके तहत कई कैंटीन काम करेंगी. उसकी जिम्मेदारियों में खाने की तैयारी से बनाए जाने तक की निगरानी करना, कैंटीन के कॉन्ट्रेक्ट्स को मैनेज करना, फूड सेफ्टी सुनिश्चित करना और एडमिनिस्ट्रेटिव पेपरवर्क पूरा करना आदि शामिल होगा. विज्ञापन में आगे कहा गया है कि आवेदक अंग्रेजी भाषा और ऑफिस सॉफ्टवेयर में दक्ष होना चाहिए, जिन आवेदकों के पास संबंधित काम का अनुभव और कम्युनिस्ट पार्ट (Communist Party Of China) की मेंबरशिप होगी, उन्हें प्राथमिकता देने की बात भी कही गई है.
ऑनलाइन छिड़ गई है बेहद तीखी बहस
यूनिवर्सिटी के इस विज्ञापन को लेकर ऑनलाइन बहस छिड़ गई है, जिसमें लोग यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट पर भड़क रहे हैं. लोग पूछ रहे हैं कि इस काम के लिए इतनी हाई लेवल एजुकेशन (PhD डिग्री) की क्या जरूरत है? एक यूजर ने लिखा,'एक कैंटीन को चलाने के लिए PhD की जरूरत कब से पड़ने लगी? दूसरे यूजर ने पूछ लिया कि कैंटीन चलानी है या वहां कॉकरोच-झींगों पर रिसर्च करानी है. कुछ यूजर्स ने अनुमान लगाते हुए लिखा कि शायद यह वैकेंसी किसे देनी है, ये पहले से तय कर लिया है और ऐसा विज्ञापन डालकर बाकी किसी को आवेदन करने से रोका जा रहा है. यह बहुत संयोग की बात लगती है कि किसी पीएचडी ग्रेजुएट के पास खाना पकाने का सर्टिफिकेट भी मिल जाए. हालांकि यूनिवर्सिटी स्टाफ ने स्पष्ट किया है कि कैंडीडेट को खाना नहीं पकाना है, लेकिन जिनका खाने, न्यूट्रीशियन और कुलीनरी आर्ट्स में बढ़िया बैकग्राउंड होगा, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही कुकिंग सर्टिफिकेट रखने वाले को भी प्राथमिकता मिलेगी.
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