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Chhath Puja Sanyog: छठ के चारों दिन है खास संयोग, सूर्य अर्घ्य पर है सर्वार्थ सिद्धि योग, क्या है इसका महत्व

Chhath Puja के चारों दिन खास संयोग बन रहा है, जिससे जीवन में सुख शांति आएगी, अर्घ्य के दिन सिद्धि योग है, क्या है ये

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Chhath Puja Sanyog: छठ के चारों दिन है खास संयोग, सूर्य अर्घ्य पर है सर्वार्थ सिद्धि योग, क्या है इसका महत्व

डीएनए हिंदी: Chhath Puja 2022 Sarvartha Siddhi Yog- 28 अक्टूबर नहाय खाय के साथ आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2022) का आगाज हो गया है, छठ के दूसरे दिन यानी 29 अक्टूबर को खरना (Kharna) और फिर दो दिन सुबह और शाम के अर्घ्य (Surya Arghya) के बाद पर्व का समापन हो जाएगा. अर्घ्य के दिन इस साल खास संयोग (Sanyog) बन रहा है. इस चार दिवसीय पर्व के चारों दिन ही ग्रहों का बेहद ही खास संयोग बन रहा है. आईए जानते हैं क्या और इसका क्या महत्व है, आपके जीवन में इसका क्या असर होगा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कार्तिक शुक्ल चतुर्थी छठ व्रती अनुराधा नक्षत्र सौभाग्य व शोभन योग के युग्म संयोग में नहाय-खाय का व्रत हुआ, छठ व्रती ने स्नान करने के बाद सूर्य को जल का अर्घ्य देने के बाद ही चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू किया. पूरी पवित्रता से तैयार प्रसाद स्वरूप अरवा चावल , चना दाल, कद्दू की सब्जी, आंवला की चटनी आदि ग्रहण कर अनुष्ठान को आरंभ हुआ. वहीं शनिवार को व्रती ज्येष्ठा नक्षत्र के पुण्यकारी रवियोग में छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना का प्रसाद ग्रहण करेंगी,खरना के प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत का संकल्प लेंगी

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सर्वार्थ सिद्धि योग में पहला अर्घ्य  

कार्तिक शुक्ल षष्ठी तिथि 30 अक्टूबर रविवार को सुकर्मा योग, रवियोग व सर्वार्थ सिद्धि योग में व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी, वहीं 31 अक्टूबर कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को धृति योग के साथ रवियोग में उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देकर चार दिवसीय महापर्व अनुष्ठान को संपन्न करेंगी. व्रती का 36 घंटे से चले आ रहे निर्जला उपवास भी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा, सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रती पारण करेंगी

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