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धर्म
नितिन शर्मा | Sep 22, 2024, 10:04 AM IST
1.नदी के तट पर करें श्राद्ध
गरुड़ पुराण में पितरों के श्राद्ध और पिंडदान के लिए नदी के तट को सबसे अच्छा बताया गया है. नदी किनारे पिंडदान करने से पितर प्रसन्न होते हैं. व्यक्ति के सभी काम बनते चले जाते हैं.
2.इस पेड़ के नीचे भी कर सकते हैं श्राद्ध
पितृपक्ष में पितरों का तर्पण, श्राद्ध या पिंडदान बरगद के पेड़ के नीचे करना बेहद शुभ होता है. इस पेड़ के नीचे बैठकर दक्षिण दिशा की तरफ मुख करें और पितरों का तर्पण करें. इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है.
3.घर में पिंडदान करना शुभ
अगर आप किसी पवित्र स्थान पर जाने में असमर्थ हैं तो घर में दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके पिंडदान करना चाहिए. इसी दिशा की तरफ जल अर्पित करें. यह बेहद शुभ होता है और पितर प्रसन्न होते हैं.
4.खेत या जंगल में भी कर सकते हैं तर्पण
शास्त्रों के अनुसार, घने वन या खेत में बैठकर भी पितरों का पिंडदान या तर्पण किया जा सकता है. इसकी वजह जंगल या खेत की गणना पवित्र स्थान में किया जाना है. इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
5.पिंडदान के लिए गौशाला भी है उच्चस्थान
शास्त्रों में बताया गया है कि गौशाला में पिंडदान करना भी बेहद शुभ होता है. लेकिन इसमें भी व्यक्ति का मुख दक्षिण दिशा में होना चाहिए. इसी दिशा की तरफ मुख करके पितरों की पूजा और श्राद्ध करें.