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Low Sperm Count: पुरुषों में स्पर्म काउंट और स्पर्म की गुणवत्ता का भी संतान प्राप्ति में अहम भूमिका होता है. ऐसे में आइए जान लेते हैं पिता बनने के लिए कितना होना चाहिए एक पुरुष में स्पर्म काउंट...
माता-पिता बनना कपल्स के लिए सबसे सुखद अहसास होता है, आमतौर पर कपल्स को यह सुख जल्द ही प्राप्त भी हो जाता है. हालांकि कई कई महिलाओं को गर्भधारण (Pregnancy) करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. पुरुषों में स्पर्म काउंट की कमी भी (Low Sperm Count) इसके पीछे का एक बड़ा कारण है. अक्सर मां न बनने पर उसका जिम्मेदार केवल महिलाओं को मान लिया जाता है.
लेकिन, प्रजनन क्षमता केवल महिलाओं तक सीमित नहीं है. पुरुषों में स्पर्म काउंट और स्पर्म की गुणवत्ता का भी (Sperm Count for Fertility) संतान प्राप्ति में अहम भूमिका होता है. ऐसे में आइए जान लेते हैं पिता बनने के लिए कितना होना चाहिए एक पुरुष में स्पर्म काउंट...
बता दें कि पुरुष के Ejaculation में मौजूद शुक्राणुओं की संख्या को स्पर्म काउंट कहा जाता है, यह आमतौर पर प्रति मिलीलीटर सीमेन में मापा जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्पर्म काउंट होने से गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है, जबकि कम स्पर्म काउंट प्रजनन में रुकावट पैदा कर सकता है.
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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, किसी भी स्वस्थ पुरुष में प्रति मिलीलीटर 15 मिलियन से अधिक और कुल मिलाकर 39 मिलियन से कम स्पर्म नहीं होने चाहिए. स्पर्म काउंट अगर इससे कम होगा तो बच्चा पैदा करने में दिक्कत हो सकती है. हालांकि सिर्फ संख्या ही नहीं बल्कि स्पर्म की गति आकार और गुणवत्ता भी गर्भधारण में महत्वपूर्ण होता है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर किसी पुरुष में स्पर्म काउंट कम है तो वह इन उपायों को अपनाना कर इसे बढ़ा सकता है. इसके लिए हेल्दी डाइट लें, खासतौर से विटामिन C, जिंक, ओमेगा-3 से भरपूर भोजन करें. साथ ही तनाव कम करें, क्योंकि अधिक तनाव हार्मोनल बैलेंस बिगाड़ सकता है. इसके अलावा धूम्रपान और शराब से बचें, व्यायाम जरूर करें.
स्पर्म काउंट की जांच एक सिंपल टेस्ट के जरिए होती है, इसे Semen Analysis कहा जाता है और इसे माइक्रोस्कोप के नीचे जांचा जाता है. रिपोर्ट में स्पर्म काउंट, उनकी गतिशीलता और आकार का पता चलता है. आप यह जांच किसी भी नजदीकी पैथोलॉजी लैब या प्रजनन विशेषज्ञ क्लिनिक में करवा सकते हैं.
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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