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'फराओ का श्राप' और Cancer के इलाज का कनेक्शन, क्या पुरानी कब्रों में पनपने वाला खतरनाक फंगस खत्म करेगा ये बीमारी? 

Cancer Treatment: वैज्ञानिकों ने 'फराओ के श्राप' को वरदान में बदल दिया है. एक स्टडी में पता चला है कि इन कब्रों में पनपने वाला खतरनाक फंगस एस्परजिलस फ्लेवस (Aspergillus flavus) कैंसर के इलाज में मदद कर सकता है...  

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'फराओ का श्राप' और Cancer के इलाज का कनेक्शन, क्या पुरानी कब्रों में पनपने वाला खतरनाक फंगस खत्म करेगा ये बीमारी? 

Pharaohs curse And Cancer Treatment.

Blood Cancer Treatment- साल 1922 में तूतनखामुन की कब्र खोलने वाले कई लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई थी, इन मौतों को 'फराओ के श्राप' (Pharaoh’s Curse) से जोड़ा गया. उस समय यह अफवाह फैली की मिस्र के फराओं यानी शासकों की कब्रों को जो भी छेड़ेगा, उसे दुर्भाग्य, बीमारी या मौत का सामना करना पड़ेगा. इसे ही 'फराओ का श्राप' कहा गया. 

हालांकि वैज्ञानिकों ने बताया कि  यह कोई श्राप नहीं बल्कि पुरानी कब्रों में पनपने वाला खतरनाक फंगस था, जिसे एस्परजिलस फ्लेवस कहा जाता है. बताया जाता है कि यही फंगस कब्र खोलने या छूने वाले लोगों के मौत का कारण बना था. 

 'फराओ का श्राप' और Cancer के इलाज का कनेक्शन 

हालांकि सालों बाद वैज्ञानिकों ने इस श्राप को वरदान में बदल दिया है. दरअसल, एक स्टडी में पता चला है कि इन कब्रों में पनपने वाला खतरनाक फंगस, जिसे एस्परजिलस फ्लेवस (Aspergillus flavus) कहा जाता है, यह कैंसर के इलाज में मदद कर सकता है. 

यह स्टडी नेचर केमिकल बायोलॉजी' नामक एक जर्नल में प्रकाशित हुई है. दरअसल, अमेरिका के पेंसिल्वेनिया और टेक्सास की शोध टीम ने एस्परजिलस फ्लेवस नामक इस खतरनाक फफूंद से एक नई दवा की खोज की है, जो ल्यूकेमिया कोशिकाओं को मारने में मदद कर सकता है. 

कैसे हुई रिसर्च?

रिसर्चर्स ने पाया कि एस्परजिलस फ्लेवस में मौजूद कुछ खास कंपाउंड्स कैंसर सेल्स को खत्म करने की क्षमता रखते हैं, इसके लिए रिसर्चर्स ने इस फंगस से एस्परिजाइमाइसिन नाम के चार नए पेप्टाइड्स अलग किए. एक्सपर्ट्स का दावा है कि ये पेप्टाइड्स कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं. ऐसे में इससे कैंसर के इलाज में उम्मीद की एक नई किरण जगी है. 

 किस कैंसर में है प्रभावी? 

वैज्ञानिकों बताया कि एस्परिजाइमायसिन्स का प्रभाव केवल ल्यूकीमिया यानी ब्लड कैंसर पर देखा गया, यह फेफड़े, लिवर और स्तन कैंसर पर असरदार नहीं पाया गया.  यह फंगस आगे के ट्रायल्स में मददगार साबित होता है, तो यह रिसर्च इस कैंसर के इलाज में मील का पत्थर साबित हो सकता है. 

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