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Pulwama Terror Attack में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-E-Mohammed) के आतंकी ने CRPF काफिले पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 जवान मारे गए थे. अब इसे लेकर टैरर फंडिंग पर नजर रखने वाले FATF ने बड़ा खुलासा किया है.
FATF Report on Pulwama Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (CRPF) के काफिले पर 2019 में हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पूरी दुनिया में आतंकियों को होने वाली फंडिंग पर नजर रखने और इस पर रोक लगाने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में आतंकियों की नई मॉडस ऑपरेंडी का जिक्र किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी संगठन अब अमेजन (Amazon) जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिये हथियार और विस्फोटक खरीद रहे हैं, जिसका पेमेंट Paypal जैसे ऑनलाइन पेमेंट टूल से हो रहा है. पुलवामा आतंकी हमले में भी यह तरीका आजमाया गया था और इसके बाद साल 2022 में गोरखनाथ मंदिर हमले (Gorakhnath Temple Attack 2022) को भी ऐसे ही अंजाम दिया गया था.
आइए आपको 5 पॉइंट्स में बताते हैं कि FATF रिपोर्ट में क्या-क्या बताया गया है-
1. पुलवामा हमले में अमेजन पर खरीदा एल्युमिनियम पाउडर
पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ काफिले की बस से वैन टकराकर IED ब्लास्ट किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस IED ब्लास्ट को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए आतंकियों ने अमेजन पर शॉपिंग करके एल्युमिनियम पाउडर खरीदा था. इस एल्युमिनियम पाउडर को विस्फोटक में मिलाया गया था. इससे विस्फोटक की क्षमता कई गुना बढ़ गई थी और उसने ज्यादा बड़े इलाके में तबाही मचाई थी.
2. गोरखनाथ मंदिर हमले में ऑनलाइन पेमेंट किया था
रिपोर्ट में बताया गया है कि गोरखनाथ मंदिर हमले के लिए आरोपी ने ऑनलाइन पेमेंट सर्विसेज Paypal के जरिये पैसा ट्रांसफर किया था. इसके लिए 6.7 लाख रुपये की बड़ी रकम ISIS समर्थकों को विदेश में भेजी गई थी. अपनी लोकेशन छिपाने के लिए आरोपी ने VPN सर्विस का इस्तेमाल किया था.
3. पाकिस्तान का नाम लिए बिना किया इशारा
FATF ने अपनी रिपोर्ट में पाकिस्तान का नाम लिए बिना एक बार फिर उसकी तरफ टैरर फंडिंग के लिए इशारा किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ देशों की सरकार आतंकियों को फंडिंग, ट्रेनिंग और हमले करने के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट तक मुहैया करा रही हैं. बता दें कि भारत की तरफ से लगातार टैरर फंडिंग के सबूत मुहैया कराए जाने के बाद FATF ने पाकिस्तान को लंबे समय तक 'ग्रे लिस्ट' में रखा था, जिससे पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर कुछ नकेल कसने के लिए मजबूर होना पड़ा था. हालांकि यह नकेल दिखावे के लिए ही कसी गई थी. इसमें लश्कर-ए-ताइबा चीफ हाफिज सईद को दिखावे के लिए जेल की सजा सुनाए जाने जैसे कदम भी शामिल है, जबकि हाफिज सईद अब भी खुलेआम पाकिस्तान में घूमता और भारत विरोधी भाषण देता है.
4. ई-कॉमर्स साइट्स भी बनी प्रोपेगेंडा का हथियार
रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई है कि ई-कॉमर्स साइट्स भी अब आतंकी प्रोपेगेंडा का हथियार बन गई हैं. कुछ आतंकी संगठन इन पर अपनी विचारधारा वाली किताबें और म्यूजिक से लेकर कपड़े तक बेच रहे हैं. इससे उन्हें अपने प्रोपेगेंडा को फैलाने में मदद मिल रही है और साथ ही उन्हें कमाई भी हो रही है, जिसका उपयोग फिर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में हो रहा है.
5. आतंकी ई-कॉमर्स पर खरीद रहे हथियार
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि आतंकी ई-कॉमर्स साइट्स के जरिये हथियारों के पार्ट्स खरीद रहे हैं. बम बनाने के लिए केमिकल खरीद रहे हैं. 3D प्रिंटर खरीद रहे हैं, जिनकी मदद से हथियार बनाए जा रहे हैं. FATF ने अपने सभी सदस्य देशों को Fintech, Online Payments, VPN, P2P Payment और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स की सख्त निगरानी का निर्देश दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों के लिए यह सस्ता, तेज और कम ट्रेस होने वाला रास्ता बन गया है, जिसका उपयोग पिछले 10 साल में बहुत ज्यादा बढ़ गया है. आतंकी इसे संसाधन जुटाने का नया जरिया बना चुके हैं, क्योंकि कम निगरानी के चलते यह आसानी से खुफिया एजेंसियों की पकड़ में नहीं आता है.
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