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भारत
Tahir Hussain Bail: असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम की ओर मुस्तफाबाद सीट पर उम्मीदवार ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से बेल नहीं मिली है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Election 2025) में अब दो गिनती के दिन बचे हैं, लेकिन उम्मीदवार ताहिर हुसैन को जमानत नहीं मिली है. हुसैन को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) ने मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से उन्हें बुधवार को जमानत नहीं मिली है. अब चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता में 3 जजों की बेंच जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी. हुसैन के वकीलों की ओर से तर्क दिया गया था कि अरविंद केजरीवाल की तरह उन्हें भी चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिलनी चाहिए. हालांकि, कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया.
ताहिर हुसैन को क्यों नहीं मिली राहत?
ताहिर हुसैन की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत मिली थी. इसी तर्ज पर हुसैन को भी दिल्ली चुनाव में प्रचार के लिए राहत दी जानी चाहिए. हालांकि, इस तर्क को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया. दो जजों की बेंच में फैसले को लेकर सहमति नहीं बन सकी. इस वजह से अब 3 जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. बेंच की अध्यक्षता सीजेआई संजीव खन्ना करेंगे. कोर्ट ने कहा कि ताहिर हुसैन न तो पार्टी प्रमुख हैं और न ही उनकी जमीन पर कोई सक्रियता है. चुनाव प्रचार के आधार पर इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है.
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ताहिर हुसैन किस आरोप में जेल में हैं बंद
ताहिर हुसैन पिछले 5 साल से दिल्ली की जेल में बंद हैं. ट्रायल कोर्ट पहले ही हुसैन के खिलाफ आईपीसी धारा 147, 148, 153A, 302, 365, 120B, 149, 188 और 153A IPC के तहत आरोप तय कर चुकी है. हुसैन पर कुल 5 मामलों में केस दर्ज हैं जिनमें हत्या से लेकर दूसरे संगीन अपराध भी हैं. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस पंकज मिथल ने अंतरिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी, जबकि जस्टिस अमानुल्लाह ने अंतरिम जमानत मंजूर करने की बात कही है. ताहिर हुसैन पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का केस चल रहा है. इसके अलावा, 2020 दिल्ली दंगों के मामले में भी आरोपी हैं.
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