Twitter
Advertisement

सोने से जुड़ी ये गलती 172 तरह के रोग दे सकती है, नींद पर हुई ये रिसर्च पढ़कर खुली रह जाएंगी आंखें

August Holidays 2025: अगस्त के महीने में कब-कब बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज? यहां देखिए छुट्टियों की पूरी लिस्ट

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में तीसरे दिन भी सुरक्षा बलों का अभियान जारी, एक आतंकवादी ढेर

कौन हैं जापान के दिग्गज बिजनेसमैन Hoshi Takayuki? जिसने शिव भक्ति में छोड़ दिया करोड़ों का कारोबार

Numerology: इन 3 तारीखों पर जन्मे लोग होते हैं बाजीगर, साजिश और रुकावटों को रौंदकर पाते हैं सक्सेस और हाई पोस्ट     

ख्वाब क्रिकेटर बनने का था लेकिन मुकद्दर ने बना दिया कलेक्टर, जानें गाजियाबाद के नए DM रविंद्र कुमार मांदड़ की दिलचस्प कहानी

जैन समुदाय और अंबानी के बीच 'माधुरी' को लेकर ठन गई है, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया मामला, जानें क्या है ये बखेड़ा

'रात की पार्टियों में नहीं जाना, हो सकता है गैंगरेप'... Gujarat Police के Poster पर क्यों मचा बवाल 

IAS रिया डाबी के पति IPS मनीष कुमार को मिली नई जिम्मेदारी, इस जगह हुआ ट्रांसफर

कार पर भगवान का नाम या तस्वीर कस्टमाइज करना कितना धर्म सम्मत? जानें इसका कैसा परिणाम मिलेगा 

Uttarkashi Avalanche: क्या भूकंप के कारण हुआ था हिमस्खलन, अब तक मिल चुके हैं 26 शव

Uttarakhand के उत्तरकाशी में द्रोपदी का डांडा-2 शिखर से पर्वतारोहियों के उतरते समय हुए हादसे से 2 दिन पहले करीब में ही भूकंप आया था.

Uttarkashi Avalanche: क्या भूकंप के कारण हुआ था हिमस्खलन, अब तक मिल चुके हैं 26 शव

डीएनए हिंदी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बर्फीले तूफान की चपेट में आए पर्वतारोही दल के 10 और सदस्यों के शव शुक्रवार को बरामद कर लिए गए. द्रोपदी का डांडा-2 शिखर से वापसी के दौरान हुए हादसे में मरने वालों की संख्या अब 26 हो गई है. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) ने बताया कि अब भी तीन ट्रेनी पर्वतारोही लापता हैं, जिनकी खोज की जा रही है. उधर, इस रेस्क्यू अभियान के बीच यह चर्चा भी उठने लगी है कि यह जानलेवा हिमस्खलन (Snow Avalanche) कहीं उस मामूली से भूकंप के कारण तो नहीं आया था, जिसके चलते उत्तरकाशी जिले में इस हादसे के करीब वाली जगह पर दो दिन पहले 2 अक्टूबर को भूगर्भ में हलचल महसूस की गई थी. 

पढ़ें- Sena Vs Sena: शिंदे ने मांगा तीर-धनुष वाला निशान, चुनाव आयोग से बोले ठाकरे- जिसने पार्टी छोड़ी, उसका कैसा हक

2.5 मैग्नीट्यूड का था भूकंप

Times Of India ने अपनी रिपोर्ट में नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मोलॉजी (National Centre of Seismology) के हवाले से इस भूकंप की जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरकाशी जिले में 2 अक्टूबर को सुबह 10.43 बजे हल्का भूकंप आया था. रिक्टर स्केल पर करीब 2.5 मैग्नीट्यूड वाले इस भूकंप का केंद्र (epicentre) उत्तरकाशी जिले की भटवारी तहसील (Bhatwari tehsil) में नाल्ड गांव (Nald village) के करीब आंका गया था.

बता दें कि द्रोपदी का डांडा-2 शिखर के लिए 25 किलोमीटर लंबा ट्रैक भुक्की गांव (Bhukki village) से शुरू होता है, जो भटवारी तहसील में ही है और नाल्द गांव से बहुत ज्यादा दूर नहीं है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुभवी पर्वतारोही और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस भूकंप का केंद्र ज्यादा दूर नहीं होने के चलते यह 4 अक्टूबर की सुबह आए हिमस्खलन का कारण हो सकता है. 

पढ़ें- SC Quota: धर्म बदलने वाले दलितों को मिल सकता है आरक्षण, संभावना तलाशने के लिए आयोग गठित

2015 में माउंट एवरेस्ट पर हुआ था ऐसा हादसा

सात बार माउंट एवरेस्ट (Mt Everest) पर चढ़ चुके माउंटेनियर लव राज धर्मसख्तू (Love Raj Dharmshaktu) के मुताबिक, कई बार छोटे भूकंप के कारण भी ग्लेशियर में क्रैक आ जाते हैं और इसके बाद उस पर जरा सा दबाव पड़ते ही बर्फ की ऊपरी पर्त तत्काल टूटकर हिमस्खलन में बदल जाती है. उन्होंने कहा, हम साल 2015 में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप के चारों तरफ भूकंप के कारण आए एवलांच को देख चुके हैं. 

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (Uttarakhand State Disaster Management Authority) के कार्यकारी निदेश पीयूष रौतेला भी इस बात को मानते हैं. रौतेला ने कहा, भूकंप के कारण एवलांच और भूस्खलन की घटनाएं होती हैं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 4 अक्टूबर के एवलांच के पीछे 2 अक्टूबर का भूकंप कारण था या नहीं, यह जानने के लिए विस्तृत जांच करनी होगी. रौतेला सीनियर जियोलॉजिस्ट (Senior geologist) भी हैं. उत्तरकाशी ट्रैकिंग एंड माउंटेनियरिंग एसोसिएशन (Uttarkashi trekking and mountaineering association) के अध्यक्ष जयेंद्र राणा ने भी इस एंगल पर जांच किए जाने की बात कही है.

पढ़ें- 'मैं कभी हिंदू देवताओं की पूजा नहीं करूंगा', AAP मंत्री ने धर्मांतरण के दौरान लगाए हिंदू विरोधी नारे

शुक्रवार को बचाव अभियान में क्या-क्या हुआ

  • भारतीय वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर ने हर्षिल से उड़ान भरी.
  • इन हेलिकॉप्टर ने बचाव अभियान की टीमों की मदद की.
  • 7 शव बरामद किए गए, जबकि 3 शव बृहस्पतिवार शाम मिले थे.
  • 26 शव अब तक 3 दिन में मिले हैं, जिनमें 24 ट्रेनी व 2 ट्रेनर्स के हैं.
  • 03 ट्रेनी पर्वतारोही अब भी लापता बताए हैं NIM के अधिकारियों ने.

खराब मौसम के कारण शव एंबुलेंस से भेजे गए

उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने भी 7 शव मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि अब तक सभी शवों की पुष्ट पहचान नहीं हुई है. मतली बेस कैंप से 4 शव खराब मौसम के कारण हर्षिल हेलीपैड तक ही लाए गए और वहां से उन्हें एंबुलेंस से उत्तरकाशी भेजा गया है. जिन शवों की पहचान हो चुकी है, उनके परिजनों को सूचना दी जा चुकी है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement