जानिए वो ट्रिक्स जिनसे सोशल मीडिया पर छा जाएगा आपका कंटेंट
Rashifal 03 August 2025: सेहत से लेकर संबंध तक, आज कैसा रहेगा आपका दिन? पढ़ें अपना राशिफल
नौकरी की सैलरी से नहीं हो रही है बचत, तो शुरू करें ये 5 पार्टटाइम बिजनेस; हो जाएंगे मालामाल
अनिल कपूर ने एचआईवी-एड्स पीड़ितों के इलाज के लिए रिसर्च सेंटर को दिए 75 लाख रुपए
LIC की इस स्कीम से हर महीने कर सकते हैं 7000 रूपया की कमाई, यहां देखें सभी डिटेल
Yashasvi Jaiswal Century: ओवल में यशस्वी जायसवाल ने लगाया शतक, इन रिकॉर्ड्स को किया अपने नाम
भारत
कांग्रेस ने गौरव गोगोई को असम कांग्रेस का नया अध्यक्ष बना कर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा को सीधी चुनौती दी है. कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि गोगोई की नियुक्ति से बीजेपी को साफ संदेश देने का प्रयास किया गया है.
असम में कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाते हुए सांसद गौरव गोगोई को अपना नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है. यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब पार्टी लगातार राज्य में चुनाव हार रही है और कार्यकर्ता भी निराश हैं. गोगोई की यह नियुक्ति मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के लिए सीधी चुनौती मानी जा रही है, जिनके साथ पिछले कुछ समय से उनका पुराना टकराव चल रहा है. गोगोई ने पिछले लोकसभा चुनाव में जोराबाट से भारी जीत दर्ज की थी और अब कांग्रेस को उम्मीद है कि वह पार्टी को फिर से मजबूत बना सकते हैं.
दरअसल, बीते दिनों ही कांग्रेस ने गौरव गोगोई को असम कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है. आपको बता दें वह लोकसभा में कांग्रेस के डिप्टी लीडर भी हैं. उनकी उम्र 41 साल है और वह जोराबाट से सांसद हैं. राजनीतिक पंडितों की माने तो पार्टी को लगता है कि युवा चेहरा सामने लाकर वह भाजपा के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ सकती है.
गौरव गोगोई और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के बीच पिछले कुछ महीनों से लगातार तीखे बयानबाजी हो रही है. चुनाव के बाद से ही शर्मा ने गोगोई और उनकी पत्नी पर लगातार गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें आईएसआई से संबंध का मामला भी शामिल है. वहीं गोगोई ने भी मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी पर जमीन से जुड़ी गड़बड़ियों के आरोप लगाए हैं.
यह भी पढ़ें: कर्नाटक में BJP के 2 विधायकों पर गिरी गाज, पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित, जानें क्यों हुआ एक्शन
कांग्रेस के कई नेताओं का कहना है कि गोगोई की नियुक्ति से कार्यकर्ताओं को नया जोश मिला है. पंचायत और उपचुनावों में हार के बाद पार्टी का मनोबल गिरा हुआ था. अब नए नेता के आने से माहौल बदल सकता है. बहरहाल, गौरव गोगोई के लिए आगे की राह बिल्कुल आसान नहीं होने वाला है. असम में 2026 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं , जिसके लिए गोगोई के सामने अब चुनौती है कि वह पार्टी को चुनावों के लिए कैसे तैयार करेंगे और भाजपा के हमलों का जवाब कैसे देंगे. उनकी संगठन चलाने की क्षमता अब असली परीक्षा में है.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.