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एजुकेशन
जया पाण्डेय | Feb 11, 2025, 01:57 PM IST
1.डॉक्टर से लेकर इंजीनियर और बिजनेसमैन तक हैं प्रेमानंद जी के शिष्य
प्रेमानंद जी महाराज के शिष्यों में डॉक्टर से लेकर इंजीनियर और बिजनेसमैन तक शामिल हैं. हालांकि मोटी सैलरी वाली नौकरी को ठुकराकर उन्होंने आध्यात्म का रास्ता चुना और आज वे प्रेमानंद जी महाराज के सानिध्य मेंराधारानी की भक्ति के मार्ग पर आगे बढ़ रहे हैं.
2.नवल नागरी बाबा
पठानकोट से ताल्लुक रखने वाले नवल नागरी बाबा आध्यात्म के रास्ते पर चलने से पहले भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे. कारगिल पोस्टिंग के दौरान जब वृंदावन आकर उन्होंने प्रेमानंद जी महाराज का सत्संग सुना तो उन्हें शांति मिली और सबकुछ छोड़कर वह साधु बन गए.
3.श्याम सुखदानी बाबा
श्याम सुखदानी बाबा हरियाणा के सोनीपत से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद गुरुग्राम और बैंगलोर की कई बड़ी कंपनियों में नौकरी की. लेकिन प्रेमानंद जी महाराज के सानिध्य में आकर उन्होंने कार्पोरेट दुनिया को अलविदा कह दिया और साधु का जीवन चुन लिया.
4.आनंद प्रसाद बाबा
आनंद प्रसाद बाबा दिल्ली से ताल्लुक रखते हैं और उनका फुटवियर का बिजनेस था. साल 2018 में जब उन्होंने प्रेमानंद जी महाराज का प्रवचन सुना तो व्यापार छोड़कर भक्ति में मन रमा लिया.
5.महामाधुरी बाबा
महामाधुरी बाबा उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं. अपनी पढ़ाई खत्म होने के बाद वह कॉलेज में प्रोफेसर के तौर पर पढ़ाने लगे. जब उन्होंने प्रेमानंद जी महाराज का सत्संग सुना तो उन्हें अपने जीवन का असली उद्देश्य समझ आया और उन्होंने गुरुसेवा में ही खुद का जीवन समर्पित कर दिया.
6.अलबेलीशरण बाबा
अलबेलीशरण बाबा दिल्ली के प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं जिनके परिवार के अधिकतर सदस्य सीए हैं. उन्होंने भी चार्टेड अकाउंटेंसी की पढ़ाई की और सफल सीए बन गए लेकिन प्रेमानंद महाराज के सत्संग से उनका ऐसा जीवन बदला कि उन्होंने करियर और रुपये-पैसे का मोह छोड़ वृंदावन को अपनाया और राधा रानी की भक्ति करने लगे.