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Government E-Marketplace: मोदी सरकार के GEM पोर्टल पर इस बार 2 लाख करोड़ का कारोबार, दुनिया में नंबर-2 होने के करीब

GEM Portal के जरिये केंद्र व राज्यों की सभी तरह की सरकारी खरीद की जाती है यानी किसी विभाग में एक पैन भी खरीदना है तो इसी पोर्टल से खरीदा जाता है.

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Government E-Marketplace: मोदी सरकार के GEM पोर्टल पर इस बार 2 लाख करोड़ का कारोबार, दुनिया में नंबर-2 होने के करीब

GEM Portal की शुरुआत महज 5 साल पहले की गई थी.

डीएनए हिंदी: मोदी सरकार की तरफ से सरकारी खरीद में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए शुरू की गई मुहिम अब दुनिया का नंबर-2 ई-मार्केटप्लेस बन चुकी है. सरकारी खरीद वेबपोर्टल GEM (Goverment E Marketplace) ने चालू वित्त वर्ष में खरीद का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुका है. महज 5 साल पहले शुरू किए गए GEM के जरिए अब तक कुल 3.37 लाख करोड़ रुपये की खरीद हो चुकी है. जहां ऑर्डर के हिसाब से GEM अब दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म है. वहीं, ऑर्डर वैल्यू के हिसाब से भी यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ई-मार्केटप्लेस बन चुका है.

पहले जानते हैं क्या है GEM?

GEM (गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस) दरअसल एक इंटरनेट आधारित बाजार है, जहां सरकारी खरीद होती है. इस सरकारी खरीद में केंद्र व राज्य सरकारों के मंत्रालय, विभाग, पब्लिक सेक्टर कंपनियां, स्थानीय निकाय और सहकारी संगठन शामिल हैं यानी इन सभी में यदि एक छोटी सी सुई भी खरीदी जाएगी तो वह GEM पोर्टल से ही खरीदना अनिवार्य है.

GEM पर मौजूदा समय में 64,403 सरकारी खरीददार संगठन मौजूद हैं, जो 10742 प्रोडक्ट और 271 सेवाओं के लिए इस पोर्टल का इस्तेमाल करते हैं. पांच साल के भीतर ही GEM दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी ई- खरीददारी का प्लेटफार्म बन गया है.

लगातार बढ़ रहा है GEM पर कारोबार  

GEM ने पहले साल 2016-17 में 422 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था, जो साल 2021-22 में बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. वहीं, पहले साल जहां 6 हजार ऑर्डर इस पोर्टल से किए गए थे, वहीं पिछले साल ये बढ़कर 33 लाख ऑर्डर से ज्यादा हो गए हैं.

इस साल का कारोबार होगा 2 लाख करोड़ के पार  

इस वित्तीय वर्ष के लिए GEM ने 1.5 लाख करोड़ रुपये के खरीद ऑर्डर छूने का लक्ष्य रखा था, लेकिन पहले 8 महीनों में ही एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी खरीद हो चुकी है. पिछला ट्रेंड बताता है कि साल के आखिरी 4 महीनों में पिछले 8 महीनों के बराबर खरीद होती है. इस लिहाज से उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में GEM के जरिए दिए जाने वाले ऑर्डर 2 लाख करोड़ रुपये के आसपास रहेंगे.

भारत का GeM जल्द बनेगा दूसरा सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म  

दुनिया में सबसे बड़ा सरकारी खरीद का मॉडल दक्षिण कोरिया का है. यहां साल 1996 में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए KONEPS  सिस्टम विकसित किया गया. इस पर आज 63 बिलियन डॉलर से ज्यादा की खरीद होती है. यही नहीं KONEPS के ही सिस्टम को दुनिया के 6 और देश भी अपना चुके हैं. वहीं, दूसरे नंबर पर सिंगापुर का GeBiz मार्केट प्लेस है, जहां करीब 18 बिलियन डॉलर का कारोबार हो रहा है. 

इसके बाद तीसरे नंबर पर भारत का GeM सिस्टम है, जिस पर साल 2022 में करीब 12.5 बिलियन डालर की खरीदी हो चुकी है. वहीं इस साल इसका करीब दोगुना होने का अनुमान है.  

दुनिया भर की सरकारें करीब अपने बजट का 20% सरकारी खरीद पर करते हैं. इस हिसाब से भारत करीब 56 लाख करोड़ की खरीदी करता है. इस मुकाबले अभी भी लंबा सफर तय करना है.  

इससे सरकारी खरीद में तेजी लाने के साथ साथ पारदर्शी बनाने में भी मदद मिली है. GEM के CEO के मुताबिक इससे 550 मिलियन शीट तो सिर्फ कागज की बचत हुई है. 

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