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World News in Hindi: म्यांमार में सुरक्षा बलों ने कंबोडिया में राजदूत रहे हाई रैंक आर्मी अफसर की हत्या के आरोप में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 6 साल की एक बच्ची भी शामिल है.
World News in Hindi: पुलिस किसी भी देश की हो, अजब कारनामा कर सकती है. ये बात म्यांमार पुलिस ने भी साबित कर दी है. म्यांमार पुलिस ने रिटायर हाई-रैंक आर्मी अफसर की हत्या के आरोप में 6 साल की एक बच्ची को भी गिरफ्तार किया है. सैन्य सत्ता वाले म्यांमार में सरकारी मीडिया ने बताया कि इस हत्या के मामले में पुलिस ने 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक यह बच्ची भी है. बता दें कि कंबोडिया में म्यांमार के राजदूत रहे 68 साल के पूर्व ब्रिगेडियर जनरल चो टुन आंन्ग को यांगून की म्यांगॉन टाउनशिप में उनके घर के ही बाहर गोलियों से भूनकर मार दिया गया था. जनरल ऑन्ग उस समय अपनी पोती के साथ घर के बाहर घूम रहे थे. देश के सबसे बड़े शहर यांगून में यह घटना 22 मई को हुई थी, जिसकी जिम्मेदरी द गोल्डन वैली वॉरियर्स नाम के एक विद्रोही गुट ने ली थी.
संदिग्ध हत्यारे की बेटी है गिरफ्तार बच्ची
म्यांमार के सरकारी न्यूजपेपर ग्लोबल न्यू लाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिगेडियर जनरल चो टुन ऑन्ग की हत्या में 16 संदिग्धों को 23 से 29 मई के बीच चार अलग-अलग क्षेत्रों से गिरफ्तार किया गया है. इनमें 13 पुरुष और 3 महिलाएं हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों में कथित हत्यारे म्यो को को की 6 साल की बेटी लिन लाट स्वे भी शामिल है. म्यो केबारे में बताया गया है कि उसके कम से कम तीन अन्य उपनाम भी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची और उसके माता-पिता को सेंट्रल सिटी ऑफ बागान से गिरफ्तार किया गया है. शूटर को हमले के दौरान गोली लगी थी, जिसका इलाज करने में मदद करने वाले निजी अस्पताल के मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है.
क्या दावा किया था विद्रोही गुट ने
विद्रोही गुट ने जनरल चो टुन ऑन्ग की हत्या के बाद फेसबुक पर एक बयान पोस्ट किया था. इसमें कहा गया था कि जनरल ऑन्ग म्यांमार के नेशनल डिफेंस कॉलेज में इंटरनल सिक्योरिटी और काउंटर टैररिज्म से जुड़े तरीके सुरक्षा बलों को सिखा रहे थे. साथ ही विद्रोही गुट ने दावा किया था कि गृहयुद्ध के दौरान किए गए अत्याचारों में वे भी शामिल थे.
लगातार हो रहे हैं सैन्य अफसरों पर हमले
म्यांमार में ब्रिगेडियर जनरल चो टुन ऑन्ग की हत्या सैन्य सरकार से जुड़ी अहम हस्तियों पर हालिया हमलों की ही कड़ी में शामिल है. ये हमले फरवरी, 2021 में ऑन्ग सान सू की (Aung San Suu Kyi) की निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर सेना के सत्ता संभालने के बाद म्यांमार में शुरू हुए गृह युद्ध का हिस्सा हैं. हत्यारों के ज्यादातर टारगेट हाई-रैंकिंग एक्टिव या रिटायर्ड मिलिट्री ऑफिसर शामिल हैं, लेकिन सीनियर सिविल अफसर और स्थानीय अधिकारियों पर भी हमला किया गया है. इनके अलावा सत्ताधारी जनरलों के बिजनेस एसोसिएट्स और सेना के लिए कथित तौर पर मुखबिरी करने वाले लोग भी इनके शिकार हुए हैं.
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