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रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध विराम प्रस्ताव को लेकर सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 10 का साथ मिला वहीं 5 सदस्यों ने इसमें भाग नहीं लिया. इसमें भाग नहीं लेने वाले देशों में स्थायी सदस्य देश फ्रांस और ब्रिटेन रहा, साथ ही अस्थायी सदस्य देशों में डेनमार्क, ग्रीस और स्लोवेनिया रहा. पढ़िए रिपोर्ट.
रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल हो चुके हैं. इस युद्ध की वजह से बड़े स्तर पर जान और माल की हानि हुई है. अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के समय ही रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप की ओर से इस युद्ध को रुकवाने का वादा किया गया था. राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप इसको लेकर लगातार प्रयासरत हैं. वो इसके लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन से बात भी कर चुके हैं. साथ ही सऊदी अरब में उनकी पहल पर अमेरिकी और रूसी ऑफिशियल के बीच बातचीत भी हुई है. वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की ओर से युद्धविराम को लेकर कुछ शर्त रखे गए थे. अब इस युद्धविराम को लेकर यूएन की भी एंट्री हो गई है. सोमवार को यूनाइटेड नेशन जनरल असेंबली की तरफ से युद्धविराम को लेकर मंजूरी दि गई है. ये मंजूरी यूक्रेन के प्रस्ताव को मिली है. इसके तहत यूक्रेन में मौजूद सभी रूसी फौजियों फौरन वहां से लौटने के लिए कहा गया है. UNGA के बाद UNSC की ओर से भी यूक्रेन युद्ध को रोकने और वहां शांति बहाल करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. ये प्रस्ताव अमेरिका की तरफ से पेश किया गया था.
UNSC में पारित हुआ ये प्रस्ताव
तीन साल से चल रहे इस युद्ध को समाप्त करने को लेकर UNSC तक विफल रहा है. वजह ये रही है कि इससे पहले इन प्रस्तावों को रूस की तरफ से वीटो काई प्रयोग करके रोक दिया जाता रहा है. इस बार यूएस के ट्रंप प्रशासन की ओर से लाए गए इस प्रस्ताव को सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 10 का साथ मिला वहीं 5 सदस्यों ने इसमें भाग नहीं लिया. इसमें भाग नहीं लेने वाले देशों में स्थायी सदस्य देश फ्रांस और ब्रिटेन रहा, साथ ही अस्थायी सदस्य देशों में डेनमार्क, ग्रीस और स्लोवेनिया रहा.
राजदूत डोरोथी शीया ने जारी किया ये बयान
संयुक्त राष्ट्र में कार्यरत यूएस के राजदूत डोरोथी शीया की ओर से इसको लेकर एक बयान दिया गया है. उन्होंने ये बयान इस मुद्दे के बहस के बीच दिया है. उन्होंने कहा है कि 'इस प्रस्ताव के द्वारा हम अमन स्थापित कर सकते हैं. ये एक महत्वपूर्ण स्टेप है. इसको लेकर हमें फख्र करना चाहिए. प्रस्ताव में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा स्थापित करने का जिक्र किया गया है. प्रस्ताव में कई अहम बिंदुओं को मेंशन किया है. विवादों को बातचीत करके सुलझाने और युद्ध रोकने की बात कही गई है.
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