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राजा राम | May 26, 2025, 07:18 PM IST
1.पारंपरिक नाइफ थेरेपी
ताइवान में सदियों पुरानी 'नाइफ थेरेपी' तकनीक के तहत चाकुओं से मसाज की जाती है. यह तकनीक तनाव कम करने, दर्द से राहत और ऊर्जा संतुलन के लिए जानी जाती है. इस मसाज में दो विशेष चाकुओं का प्रयोग शरीर के खास हिस्सों पर दबाव डालने के लिए किया जाता है. इसे तनाव दूर करने, ऊर्जा संतुलन सुधारने और मानसिक शांति के लिए प्रभावी माना जाता है.
2.नाइफ थेरेपी की शुरुआत और इतिहास
नाइफ थेरेपी कोई नई खोज नहीं है बल्कि इसकी जड़ें करीब 2000 साल पुराने चीन में हैं. बौद्ध भिक्षुओं ने इस तकनीक को शारीरिक और मानसिक संतुलन के लिए विकसित किया था. तांग वंश के दौर में यह जापान तक पहुंची, लेकिन समय के साथ वहां इसका चलन कम हो गया. ताइवान ही एकमात्र ऐसा देश है जहां यह परंपरा आज भी जीवित है.
3.डरावनी दिखने वाली लेकिन असरदार तकनीक
चाकुओं से मसाज सुनते ही डर लगना स्वाभाविक है, लेकिन इस तकनीक को अपनाने वाले लोग इसे बेहद आरामदायक बताते हैं. यह मसाज देखने में भले ही थोड़ी खतरनाक लगे, लेकिन प्रशिक्षित थैरेपिस्ट इसे बहुत सावधानी से करते हैं और इसका असर गहरा व सकारात्मक होता है. इस मसाज के लिए खास चाकुओं को पहले रासायनिक तरीकों से साफ किया जाता है. फिर इन्हें शरीर के उन हिस्सों पर चलाया जाता है, जहां ऊर्जा केंद्र होते हैं. यह प्रक्रिया एक्यूप्रेशर जैसी होती है, जिसमें 'क्यूआई डोर्स' यानी ऊर्जा के द्वारों पर दबाव डालकर थकान और तनाव दूर किया जाता है.
4.थैरेपिस्ट के लिए सख्त नियम
इस अनोखी थेरेपी को करने वाले थैरेपिस्ट को केवल तकनीकी रूप से दक्ष ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी संतुलित होना जरूरी होता है. उन्हें शुद्ध शाकाहारी भोजन करना होता है और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहना चाहिए. अगर थैरेपिस्ट मानसिक रूप से अस्थिर हो तो उसे मसाज करने की अनुमति नहीं दी जाती.
5.आधुनिक दुनिया में प्राचीन परंपरा का जलवा
आज भी ताइपे जैसे शहरों में कई नाइफ थेरेपी पार्लर हैं, जहां न केवल स्थानीय लोग, बल्कि विदेशी पर्यटक भी इस अनुभव को लेने के लिए आते हैं. सोशल मीडिया पर यह तकनीक तेजी से वायरल हो रही है और इसे एक चमत्कारी इलाज के रूप में देखा जा रहा है. अगर आप भी तनाव से राहत पाने के लिए कोई अनोखा तरीका तलाश रहे हैं, तो ताइवान की यह सदियों पुरानी चाकू मसाज शायद आपके लिए एक नया अनुभव साबित हो सकती है.