Twitter
Advertisement

IND vs ENG 5th Test Day 3 Highlights: जायसवाल का शतक, फिर वॉशिंगटन का तूफान; भारत ने दिया 374 रन का टारगेट

वोटर आईडी कार्ड मामले में बुरी तरह फंसते दिख रहे हैं तेजस्वी यादव, इन वजहों से बढ़ सकती हैं RJD नेता की मुश्किलें

जानिए वो ट्रिक्स जिनसे सोशल मीडिया पर छा जाएगा आपका कंटेंट

Saina Nehwal: तलाक के महज 19 दिन बाद फिर एक हुए साइना नेहवाल और उनके पती, सोशल मीडिया पोस्ट से मचा हड़कंप

न डेस्क, न मीटिंग, ये 'महाराज' सिर्फ किचन से कर रहा है घंटों में लाखों की कमाई, वायरल पोस्ट ने उड़ाए लोगों के होश

Rashifal 03 August 2025: सेहत से लेकर संबंध तक, आज कैसा रहेगा आपका दिन? पढ़ें अपना राशिफल

अलविदा कहते हुए निभाया दोस्ती का वादा, वजह जान हो गया हर कोई भावुक अंतिम यात्रा में डांस का Video Viral

वृंदावन के संत प्रेमानंद जी महाराज को सोशल मीडिया पर मिली जान से मारने की धमकी, फेसबुक पोस्ट से मचा बवाल

नौकरी की सैलरी से नहीं हो रही है बचत, तो शुरू करें ये 5 पार्टटाइम बिजनेस; हो जाएंगे मालामाल

अनिल कपूर ने एचआईवी-एड्स पीड़ितों के इलाज के लिए रिसर्च सेंटर को दिए 75 लाख रुपए

Kashmiri Hindu: कब से हिंदू कश्मीर में रह रहे हैं? जानिए 5 हजार साल पुराना इतिहास क्या बता रहा है?

What 5K years old history is telling us for kashmiri Hindus? कश्मीर में हिंदू कब से रह रहे हैं और उनका इतिहास क्या कहता है, चलिए जानें.

Latest News
Kashmiri Hindu: कब से हिंदू कश्मीर में रह रहे हैं? जानिए 5 हजार साल पुराना इतिहास क्या बता रहा है?

कश्मीरी हिंदू

 कश्मीर में हिंदुओं की उपस्थिति 5000 वर्ष पुरानी है, जिसका इतिहास ऋग्वेद, महाभारत, शंकराचार्य और कश्मीरी शैव धर्म से जुड़ा है. पौराणिक ग्रंथ इसकी पुष्टि करते हैं. कश्मीर सिर्फ भूगोल नहीं है, बल्कि भारत की वैदिक आत्मा का जीवंत प्रतीक है. हिंदू संस्कृति की जड़ें यहां इतनी गहरी हैं कि समय के हर तूफान का सामना करने के बाद भी वे बची हुई हैं. कश्मीर में हिन्दू कब से हैं? हमें बताइए.

1. ऋग्वेद में कश्मीर (1500 ईसा पूर्व)

कश्मीर का सबसे पहला उल्लेख वैदिक काल (1500 ईसा पूर्व) के दौरान वेदों में मिलता है . कश्मीर भी ऋग्वेद में वर्णित 'सप्त-सिंधु' क्षेत्र का एक हिस्सा था. यह वह समय था जब आर्य सभ्यता अपने चरम पर थी और ब्राह्मण, ऋषि और मुनि इस हिमालयी क्षेत्र में तपस्या कर रहे थे. 'कश्मीर' नाम ऋषि कश्यप के नाम पर पड़ा है. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ही इस क्षेत्र को जल से मुक्त कराया और बसाया.

2. महाभारत काल में कश्मीर (लगभग 3100 ईसा पूर्व) 
महाभारत में कश्मीर का उल्लेख एक महत्वपूर्ण जिले के रूप में किया गया है. क्षत्रिय, ब्राह्मण और अन्य हिंदू जातियां भी यहां मौजूद रही हैं. यह कालखंड दर्शाता है कि कश्मीर एक अलग क्षेत्र नहीं था बल्कि भारतीय भू-राजनीति और धार्मिक नीति का एक हिस्सा था.

3. सम्राट अशोक और मौर्य काल 
अशोक ने बौद्ध धर्म का प्रचार किया, लेकिन उससे पहले कश्मीर वैदिक सनातन संस्कृति का गढ़ था. यहां ब्राह्मणों की विद्वता के कारण बौद्ध धर्म भी मजबूत हुआ.

4. शंकराचार्य और शारदा पीठ (8वीं शताब्दी ई.) 
आदि शंकराचार्य कश्मीर आए और शारदा पीठ की स्थापना की. यह सीट भारत के चार प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक बन गई और कश्मीर को ज्ञान की राजधानी का दर्जा प्राप्त हुआ.

5. कश्मीर शैववाद (8वीं-12वीं शताब्दी) 
यह काल कश्मीर में हिंदू दार्शनिक विकास का स्वर्ण युग था. अभिनवगुप्त, वसुगुप्त और कल्लत जैसे आचार्यों ने यहीं से 'कश्मीर शैववाद' को जन्म दिया, जिसने अद्वैत से परे की चेतना को छुआ.

6. मुस्लिम आक्रमण और प्रतिरोध (14वीं शताब्दी के बाद) 
जब मुस्लिम आक्रमणों ने कश्मीर को प्रभावित किया, तब भी कश्मीरी पंडितों ने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए महान बलिदान दिए. मार्तण्ड सूर्य मंदिर, अवंतीपुरा और अन्य मंदिर आज भी उस भव्यता के साक्षी हैं.

कश्मीर में हिंदुओं की उपस्थिति 100-200 साल पुरानी नहीं, बल्कि 5,000 साल से भी अधिक पुरानी है. यह क्षेत्र प्रारंभ से ही भारत की सनातन चेतना का हिस्सा रहा है, ऋषियों की तपोस्थली, ज्ञान का केंद्र और आध्यात्मिक प्रयोगशाला रहा है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए एस्ट्रोलॉजर से संपर्क करें.) 

अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकx,   इंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Read More
Advertisement
Advertisement
पसंदीदा वीडियो
Advertisement