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भारत
Who was Lieutenant Shashank Tiwari: भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में उस समय शहीद हो गए, जब गश्त के दौरान उन्होंने पैर फिसलने पर पहाड़ी नदी में गिरे साथी अग्निवीर जवान को बचाने के लिए छलांग लगा दी.
Who was Lieutenant Shashank Tiwari: भारतीय सेना को महज छह महीने पहले जॉइन करने वाले लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी अपने साथी को बचाते समय शहीद हो गए हैं. दिसंबर में भारतीय सेना में कमीशन पाने वाले 23 साल के शशांक सिक्किम में गश्त के दौरान पैर फिसलने से पहाड़ी नदी में गिरे अग्निवीर जवान को बचाने के लिए पानी में छलांग लगाई, लेकिन पानी की तेज लहरों में खुद भी बह गए. यह हादसा 22 मई को हुआ था. शुक्रवार (23 मई) को उनका शव मिलने के बाद भारतीय सेना ने यह खबर सभी के साथ साझा की है. हालांकि शशांक खुद पानी की लहरों का शिकार होने से पहले अपने साथी को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाकर उसकी जान बचाने में सफल हो गए. शशांक उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले के रहने वाले थे. उनकी शहादत की खबर सुनने के बाद पूरे अयोध्या में शोक का माहौल है.
पहली पोस्टिंग पर गए थे सिक्किम, अब शव वापस लौटेगा
शशांक ने साल 2019 में NDA के जरिये भारतीय सेना जॉइन की थी. ट्रेनिंग के बाद पिछले साल 17 दिसंबर को उन्हें पासिंग आउट परेड के बाद सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन मिला था. इसके बाद उन्हें सिक्किम में पहली बार तैनात किया गया था. अब सिक्किम से उनका शव वापस लौटेगा. अयोध्या जिला प्रशासन के मुताबिक, शुक्रवार रात तक शशांक का शव आने की संभावना है. इसके बाद शनिवार को अयोध्या के जमथरा घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
एक अहम ऑपरेटिंग बेस पर जा रहा था गश्ती दल
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार सुबह सिक्किम में भारतीय सेना का एक गश्ती दल लेफ्टिनेंट शशांक के नेतृत्व में एक अहम टेक्टिकल ऑपरेटिंग बेस की तरफ जा रहा था, जहां से उन्हें भविष्य की तैनाती की तैयारी के लिए एक अहम चौकी पर पहुंचा था. सुबह करीब 11 बजे एक लॉग ब्रिज पार करते समय उनकी टीम के अग्निवीर जवान स्टीफन सुब्बा का पैर फिसल गया और वह तेज गति से बह रही पहाड़ी नदी में गिर गए. अपने साथी को नदी में गिरता देखकर लेफ्टिनेंट तिवारी ने तत्काल छलांग लगा दी. एक अन्य जवान नायक पुकार काटेल ने भी उनके साथ छलांग लगाई. दोनों ने मिलकर सुब्बा को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया, लेकिन पानी की तेज धारा में लेफ्टिनेंट तिवारी फंस गए और पानी के साथ बह गए.
शुक्रवार सुबह 800 मीटर नीचे मिला शव
लेफ्टिनेंट तिवारी के साथियों ने तत्काल इसकी सूचना अधिकारियों को दी. सेना की टीम ने तत्काल लेफ्टिनेंट तिवारी की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया. करीब 30 मिनट तक तलाश करने के बाद उनका शव पानी की धारा में घटनास्थल से करीब 800 मीटर नीचे एक जगह अटका हुआ मिला. भारतीय सेना ने लेफ्टिनेंट तिवारी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा,'लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने अपनी कम उम्र और छोटी सी सर्विस के बावजूद अपने पीछे साहस और नेतृत्व की जो विरासत छोड़ी है वो आने वाले जवानों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी.'
बचपन से ही थी सेना में जाने की ख्वाहिश
अयोध्या के मझवां गद्दोपुर गांव निवासी शहीद लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का बचपन से ही भारतीय सेना में जाने का सपना था. अयोध्या के केजिंगल बेल स्कूल से प्रारंभिक पढ़ाई करने वाले शशांक ने साल 2019 में जेबीए एकेडमी से इंटरमीडिएट किया और उसी साल पहली ही कोशिश में उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में हो गया.
अमेरिका में रहते हैं पिता
शशांक का परिवार फिलहाल अयोध्या की कौशलपुरी कॉलोनी में रह रहा है. उनके पिता जंग बहादुर तिवारी मर्चेंट नेवी अफसर हैं और फिलहाल अमेरिका में तैनात हैं. बेटे की शहादत की खबर सुनते ही जंग बहादुर भारत के लिए चल दिए हैं. उनकी बड़ी बहन दुबई में रहती है, लेकिन आजकल मां नीता तिवारी की तबीयत खराब रहने के चलते अयोध्या ही आई हुई हैं. शशांक की मां नीता तिवारी हार्ट पेशेंट हैं. इस कारण उन्हें बेटे की शहादत की खबर नहीं दी गई है.
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