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भारत
IMD Weather Forecast: फरवरी महीने के अंत में बारिश के साथ शुरू हुआ मौसम में उतार-चढ़ाव का दौर अब तूफानी हवाओं पर आ गया है. दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में मंगलवार-बुधवार को चली तूफानी हवाओं ने ठंड का असर बढ़ा दिया है.
IMD Weather Forecast: मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. फरवरी महीने के अंत में बारिश के कारण लौटी सर्दी की कंपकंपाहट मंगलवार (4 मार्च) और बुधवार (5 मार्च) को तूफानी हवाओं ने और ज्यादा बढ़ा दिया है. दिल्ली-NCR समेत पूरे उत्तर भारत में तेज रफ्तार हवाओं के कारण ठंडक थोड़ी बढ़ गई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक,'करीब 45 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चली तेज हवाओं का असर गुरुवार को भी बन रह सकता है, जिससे लोगों को कंपकंपाहट महसूस होगी. हालांकि इसके बाद इन हवाओं की गति धीमी होने पर तापमान बढ़ना शुरू हो जाएगा.' आमतौर पर ठंडी हवाओं में नमी होने के कारण धूल नहीं होती है, लेकिन फिलहाल चल रही हवाओं के धूलभरा होने से लोग अचरज में हैं. इससे हवा के ठंडी होने के बावजूद दूर से देखकर ऐसा अहसास हो रहा है, जिस तरह का अहसास मई-जून में चलने वाली धूलभरी लू को देखकर होता है.
क्या जताया है मौसम विभाग ने अनुमान
IMD ने इस सप्ताह के मौसम का अनुमान जारी किया है, जिसमें अगले 24 घंटे के दौरान भी तेज हवाओं का असर बने रहने की संभावना जताई है. IMD ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 25-35 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी. हालांकि गुरुवार सुबह से हवाओं की गति घट जाने से तापमान में बढ़ोतरी होना शुरू हो जाएगा. इसके चलते उत्तर भारत में अगले कुछ दिन में 4-6 डिग्री तक तापमान बढ़ेगा. मध्य भारत, विदर्भ, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर आंतरिक कर्नाटक के इलाके में दो दिन बाद तापमान में 2-5 डिग्री की बढ़ोतरी होगी. पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में तीन दिन बाद तापमान में 2-3 डिग्री की बढ़ोतरी होगी. दक्षिण भारत के अधिकतर इलाकों में अगले 5 दिन तापमान में ज्यादा बदलाव नहीं होगा.
क्यों है हवा में ठंडक के बावजूद धूल?
हवा में ठंडक होने के बावजूद धूल से भरा होने का कारण ज्यादातर एक्सपर्ट नमी की कमी को मान रहे हैं. हवा में ठंडक का कारण ऊंचे पहाड़ों पर पिछले कुछ दिन के दौरान लगातार हुई बर्फबारी को माना जा रहा है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि हवा में ठंडक के बावजूद मौसम में नमी की कमी है. मिट्टी में भी नमी की कमी है. साथ ही Grape के प्रतिबंध हटने के बाद दिल्ली-NCR के इलाके में निर्माण कार्यों में भी तेजी आई है, जिससे जगह-जगह मिट्टी और रेत फैली हुई है. इसके चलते जरा सी तेज हवा चलते ही हवा में धूल और रेत उड़ता दिखाई दे रहा है.
क्यों बदला है अचानक मौसम?
उत्तर भारत में दरअसल फरवरी के आखिरी सप्ताह के दौरान पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हुआ है. इसके चलते ही मौसम ने पलटी मारी है. इससे ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी हुई है तो निचले पहाड़ों पर बारिश हुई है. मैदानी इलाकों में भी जगह-जगह बारिश और कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी खूब हुई है. इस कारण ही मौसम का मिजाज गर्म होते-होते फिर से अचानक ठंडा हुआ है. दिल्ली NCR में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है. हालांकि ठंड का यह 'हनीमून' गुरुवार को खत्म हो जाने के आसार IMD ने जताए हैं.
अगले तीन महीने पड़ने वाली है जमकर गर्मी
भले ही फरवरी के अंत में गर्मी का असर शुरू होते-होते अचानक ठंड फिर से लौट आई है, लेकिन अगले तीन महीने लोगों को झुलसाने वाले साबित हो सकते हैं. इस बात की चेतावनी IMD पहले ही दे चुका है. IMD का अनुमान है कि इस बार मार्च से मई तक भारत के अधिकतर इलाकों में तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा, जिससे गर्मी के रिकॉर्ड टूट सकते हैं. खासतौर पर उत्तर, मध्य और पश्चिमी भारत में इस दौरान जबरदस्त हीटवेव (Heat Wave) की लहर देखने को मिलेगी. लू का सबसे ज्यादा असर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में होगा. IMD ने यह भी चेतावनी दी है कि इस बार लू के असर वाले दिन पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा हो सकते हैं. हालांकि, उत्तर-पश्चिमी भारत और दक्षिणी प्रायद्वीपीय क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान अपेक्षाकृत सामान्य या उससे कम रह सकता है यानी इन इलाकों में गर्मी का असर उतना ज्यादा नहीं होगा.
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