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भारत
कुलदीप पंवार | Feb 08, 2025, 07:07 PM IST
1.एक तिहाई सीटों पर ही सिमट गई है आप
Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025 Result) का परिणाम पूरी तरह स्पष्ट हो गया है. भाजपा ने 40 सीट पर जीत हासिल कर ली है और करीब 8 सीटों पर बढ़त बना रखी है, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) के खाते में 22 सीटें ही आती दिख रही हैं. आप के खाते में आई ये सीटें उन्हें साल 2020 के चुनावों में मिली 62 सीटों के मुकाबले करीब एक तिहाई हैं. आप के लिए सबसे ज्यादा निराशाजनक बात यह रही है कि उसके सबसे दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) भी हार गए हैं. उनके अलावा भी आप के कई सीनियर नेता हार गए हैं. चलिए हम आपको उन 5 चेहरों के बारे में बताते हैं, जिन्हें इन चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है.
2.बेहद चौंकाएगी अरविंद केजरीवाल की हार
आप के नेशनल कन्वेनर व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भाजपा के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा से करीब 4,089 वोट से हार मिली है. नई दिल्ली विधानसभा सीट पर प्रवेश वर्मा को 30088 वोट मिले हैं, जबकि केजरीवाल 25999 वोट ही ले पाए हैं. लगातार चौथी बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे केजरीवाल साल 2013, 2015 और 2020 में यहां से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने थे. दिल्ली शराब नीति में घोटाले के चलते तिहाड़ जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर चल रहे केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जनता की संवेदना हासिल करने की कोशिश की, लेकिन उनका यह दांव काम नहीं आया है.
3.सीट बदलना भी नहीं आया पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के काम
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की हैसियत AAP में दूसरे नंबर के लीडर की मानी जाती है. सिसोदिया भी शराब नीति घोटाले में करीब डेढ़ साल तक जेल में रहे और अब जमानत पर बाहर हैं. सिसोदिया हर बार पटपड़ंगज सीट से चुनाव लड़ते थे, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी तीन बार की यह सीट छोड़कर जंगपुरा सीट से दावा ठोका था. हालांकि सीट बदलने का यह दांव उनके काम नहीं आया है. सिसोदिया हालांकि महज 675 वोट से ही चुनाव हारे हैं. भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह (Tarvinder Singh Marwah) को 38859 वोट मिली, जबकि सिसोदिया 38184 वोट ही हासिल कर सके.
4.सौरभ भारद्वाज नहीं बचा सके 'सेफ सीट'
आप नेताओं में सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) की ग्रेटर कैलाश सीट को उनकी पार्टी में सबसे सेफ सीट माना जाता है. यह सीट कट्टर आप समर्थकों वाली मानी जाती है. सौरभ इस सीट पर 2013 से लगातार तीन बार जीतते रहे हैं. सौरभ को इसी कारण दिल्ली सरकार में गृह, बिजली और जल सप्लाई जैसे अहम मंत्रालय मिले हुए थे. इसके बावजूद सौरभ को पार्टी के खिलाफ बनी लहर का खामियाजा भुगतना पड़ा है. भाजपा की शिखा रॉय (49594 वोट) ने सौरभ (46406 वोट) को 3188 वोट से हराया है.
5.सत्येंद्र जैन का हारना माना जा रहा था तय
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) को आप के शीर्ष नेताओं में गिना जाता है. घोटाले के आरोप में साल 2022 में गिरफ्तार होने के बाद सत्येंद्र जैन को लंबे समय तक जेल में बंद रहना पड़ा. दिल्ली की शकूर बस्ती सीट से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके सत्येंद्र जैन को इस बार भाजपा के करनैल सिंह (Karnail Singh) ने 20998 वोट से हराया है. करनैल सिंह को 56869 वोट मिले, जबकि सत्येंद्र जैन को 35871 वोट हासिल हुए.
6.सोमनाथ भारती का भी टूट गया किला
आप के संस्थापक नेताओं में शामिल रहे सोमनाथ भारती (Somnath Bharti) का भी किला इन चुनाव में ढह गया है. मालवीय नगर सीट से लगातार तीन बार जीत हासिल कर चुके सोमनाथ भारती को भाजपा के सतीश उपाध्याय (SATISH UPADHYAY) ने 2131 वोट से शिकस्त दी है. सतीश उपाध्याय को 39564 वोट मिले, जबकि सोमनाथ 37433 वोट ही हासिल कर सके.