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मीना प्रजापति | Nov 24, 2024, 07:00 PM IST
1.सर्वे करने क्यों गई थी टीम?
वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में मस्जिद के मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर करने के बाद, 19 नवंबर को स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में इसी तरह का सर्वेक्षण किया गया.
2.कहां से शुरू हुआ पथराव?
मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह के मुताबिक, संभल में यह हिंसा अचानक नहीं बल्कि पहले से प्लान की गई थी. पुलिस को भी अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी घटना हो जाएगी. जब टीम सर्वे करने पहुंची तो भारी संख्या में लोग वहां आ गए. फिर पथराव शुरू हो गया.
3.हिंसा में मारे गए तीन लोग
संभल हिंसा में मारे गए तीन लोगं की पहचान रूमान खान (42), बिलाल (30) और नईम (25) के रूप में हुई है. पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस हिंसा के दौरान एसडीएम भी घायल हुए हैं और सीओ अनुज चौधरी व एसपी के पीआरओ के पैर में भी गोली लगी है. इसके अलावा करीब 25 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं.
4.फूंक डालीं कई गाड़ियां
इस हिंसा में उपद्रवियों ने कई गाड़ियां फूंक डाली हैं. इनमें ज्यादातर सरकार वाहन थे. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस हिंसा में दो महिलाओं समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये महिलाएं छत से पत्थरबाजी कर रही थीं.
5.पुलिस ने नहीं मारी गोली
मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह के मुताबिक, संभल हिंसा में मारे गए तीनों लोगों को पुलिस की गोली नहीं लगी है. पुलिस ने इस हिंसा में प्लास्टिक बुलेट छोड़े थे. मंडलायुक्त के अनुसार, हिंसा के दौरान मस्जिद के आसपास के घरों की छतों से फायरिंग हुई. इस फायरिंग में पुलिसकर्मी भी घायल हुए.