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भारत
Uttarakhand Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन में 55 मजदूर फंस गए थे. अभी भी 22 मजदूरों को निकाला नहीं जा सका है. रेस्क्यू किए गए मजदूरों में से 4 की हालत नाजुक बताई जा रही है.
उत्तराखंड के चमोली में शुक्रवार को ग्लेशियर फटने से बड़ा हादसा हो गया है. बदरीनाथ में सीमांत माणा गांव के पास हिमस्खलन में 55 मजदूर फंस गए थे. अब तक 33 मजदूरों को निकाला जा चुका है और 22 की तलाश जारी है. बर्फीली हवाओं और भारी बर्फबारी के बीच भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. रेस्क्यू किए गए मजदूरों में से 4 की हालत नाजुक बताई जा रही है. सीएम पुष्कर सिंह धामी भी लगातार स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीम के संपर्क में हैं. पुलिस, सेना, सीमा सड़क संगठन, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम घटना स्थल पर मौजूद है. माणा से आ रही तस्वीरों में बचावकर्मी प्रतिकूल मौसम में भी बर्फ के बीच चढ़ाई करते दिख रहे हैं.
खराब मौसम के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
उत्तराखंड में चमोली के पास माणा गांव में सड़क निर्माण का काम चल रहा था. बर्फ में फंसने वाले सभी 55 मजदूर इसमें ही लगे थे और पहाड़ों के पास ही टेंट में ही रहते थे. माणा भारत और तिब्बत की सीमा पर बसा आखिरी गांव है. सेना के अधिकारी ने बताया कि बीआरओ, सेना, आईटीबीपी की टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है. बर्फीली हवाओं के बीच भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. शुरुआत में बचाए गए 10 मजदूरों में से 4 की हालत गंभीर है. उन्हें आीटीबीपी के अस्पताल में भर्ती किया गया है. प्रदेश के आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मजदूर शुक्रवार की सुबह तड़के 7.15 के करीब फंस गए थे.
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सीएम पुष्कर धामी भी पहुंच सकते हैं घटना स्थल पर
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हिमस्खलन वाली घटना पर समीक्षा बैठक की है. वह लगातार बचाव टीम के संपर्क में हैं और रेस्क्यू टीम को हर संभव कोशिश करने का निर्देश दिया गया है. धामी शनिवार को घटना स्थल का जायजा लेने के लिए भी जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय संगठन मिलकर हर संभव कोशिश कर रहे हैं. घायल मरीजों के उपचार की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है.
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