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भारत
Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) के सामने ओवरग्राउंड वर्कर्स ने बड़ा कबूलनामा किया है. जेल में बंद दो आंतकियों ने पूछताछ में कबूल किया है कि हमले में कुछ स्थानीय लोगों ने सहयोग किया था.
पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद से ही इसकी आशंका जताई जा रही थी कि इस आतंकी वारदात को अंजाम देने में कुछ स्थानीय लोगों की भी भूमिका रही है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अब तक हुई जांच में इसके पुख्ता प्रमाण भी मिल रहे हैं. श्रीनगर की जेल में बंद दो ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) ने भी इसकी पुष्टि की है. दोनों ने पूछताछ में कबूल किया है कि इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देना स्थानीय सपोर्ट के बना मुमकिन नहीं है. आतंकियों ने इसके लिए अपने सर्कल में से ही कुछ ऐसे लोगों को चुना जो भरोसेमंद हों और हर हाल में आदेश को पूरा करना जानते हों. अब तक पुलिस और सेना के अलावा एनआई ने भी 150 से ज्यादा स्थानीय लोगों से इस मामले में पूछताछ की है.
पहलगाम अटैक के बाद श्रीनगर जेल में बंद दो OGW से एनआईए ने पूछताछ की है. इसके अलावा, कश्मीर में एक्टिव ऐसे कई और OGW से भी पूछताछ चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान इनमें से कई ओवरग्राउंड वर्कर्स ने हमले में स्थानीय लोगों की भूमिका की पुष्टि करते हुए कहा है कि ऐसे आतंकी हमले बिना लोकल सपोर्ट के संभव नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, जांच टीम के सामने ऐसे साक्ष्य सामने आएं हैं जिनसे पता चला है कि हमले के लिए महीनों पहले से तैयारी हो रही थी. कुछ स्थानीय लोगों ने आतंकियों को रहने के लिए जगह मुहैया कराने से लेकर रसद और खाने-पीने की सभी जरूरतें पूरी करने का काम किया है.
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कश्मीर में ओवरग्राउंड वर्कर्स का एक पूरा नेटवर्क काम कर रहा है. ये स्थानीय लोग होते हैं जिन्हें आतंकी संगठन OGW के तौर पर ऑपरेट करते हैं. आतंकियों के साथ संपर्क में रहने के लिए ये बीबीएम, स्नैपचैट जैसे ऐप का इस्तेमाल करते हैं. ये स्थानीय पुलिस और सेना की गतिविधियों को आतंकियों के पास पहुंचाने का काम करते हैं और कई बार आतंकियों के रुकने, खाने-पीने जैसी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी काम करते हैं.
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