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भारत
कांग्रेस की तरफ से भी घाटी की दोनों बड़ी पार्टियों को अपने पाले में करने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कांग्रेस एनसी और पीडीपी दोनों के संपर्क में है.
जम्मू-कश्मीर में सितंबर यानी अगले माह विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इसको लेकर सियासी सरगर्मियां अपने चरम पर हैं. इस चुनाव को लेकर सभी सियासी पार्टियां जोर-शोर से तैयारी कर रही हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और उमर अब्दुल्ला की तरफ इस चुनाव को लेकर घोषणापत्र जारी कर दी गई है. वहीं महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी पीडीपी की तरफ से अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी गई है. वहीं, बीजेपी अपने कोर वोटर्स को साधने में पूरी तरह से लगी हुई है. कांग्रेस की तरफ से भी घाटी की दोनों बड़ी पार्टियों को अपने पाले में करने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि कांग्रेस एनसी और पीडीपी दोनों के संपर्क में है.
क्या है कांग्रेस का मास्टर प्लान?
जम्मू का इलाका बीजेपी का गढ़ माना जाता है, हालांकि पार्टी का फोकस घाटी के क्षेत्रों में भी है. इस चुनाव में आर्टिकल 370 एक बड़ा मुद्दा उभरकर सामने आया है. चुनावी सरगर्मियों को लेकर कांग्रेस पार्टी भी फॉर्म में आ चुकी है. कांग्रेस की तरफ से इसको लेकर खास रणनीति बनाई गई है. इस बीच कांग्रेस सूत्रों की तरफ से खबर आ रही है कि जम्मू-कश्मीर में पर्दे के पीछे काग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच गठबंधन बनाने को लेकर बातचीत हो रही है. वहीं सूत्रों की तरफ से कहा जा रहा है कि कांग्रेस अलग से पीडीपी और महबूबा मुफ्ती को भी साधने की कोशिश में लगी हुई है. कांग्रेस का मास्टरप्लान है कि घाटी की प्रमुख प्रार्टियों को साधकर वहां अपनी स्थिति को मजबूत किया जाए.
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