जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में तीसरे दिन भी सुरक्षा बलों का अभियान जारी, एक आतंकवादी ढेर
कौन हैं जापान के दिग्गज बिजनेसमैन Hoshi Takayuki? जिसने शिव भक्ति में छोड़ दिया करोड़ों का कारोबार
'रात की पार्टियों में नहीं जाना, हो सकता है गैंगरेप'... Gujarat Police के Poster पर क्यों मचा बवाल
IAS रिया डाबी के पति IPS मनीष कुमार को मिली नई जिम्मेदारी, इस जगह हुआ ट्रांसफर
कार पर भगवान का नाम या तस्वीर कस्टमाइज करना कितना धर्म सम्मत? जानें इसका कैसा परिणाम मिलेगा
दिल्ली-एनसीआर में बारिश से हाल बेहाल, नोएडा-फरीदाबाद और गुरुग्राम में भी जलभराव से चरमराई व्यवस्था
लंबी उम्र का पावरबैंक मानी जाती हैं ये सब्जियां, रोज नहीं तो हफ्ते में एक बार जरूर खाएं
भारत
Gyanvapi ASI Survey: ज्ञानवापी मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जिला कोर्ट के फैसले को रद्द करने की गुहार लगाई है.
डीएनए हिंदी: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शुरू हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के सर्वेक्षण के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर की है. इस याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. इस याचिका में इंतजामिया कमेटी ने 21 जुलाई को आए जिला जज के फैसले को रद्द करने और अंतिम फैसला आने तक सर्वे पर रोक लगाए जाने की मांग की है. उच्च न्यायालय अब इस मामले की सुनवाई बुधवार यानी 26 जुलाई को करेगी.
हाईकोर्ट में कल सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों ही मौजूद रहेंगे. माना जा रहा है कि कल ही उच्च न्यायालय अपना फैसला सुना देगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एएसआई द्वारा विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम 26 जुलाई को शाम पांच बजे तक रोकने का आदेश दिया था. इस सर्वेक्षण से यह पता लगाया जाना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी मस्जिद कहीं एक मंदिर के ऊपर तो नहीं बना है.
ये भी पढ़ें- ईस्ट इंडिया कंपनी, मुजाहिदीन पर राहुल का जवाब, 'मणिपुर में मोहब्बत का रंग घोलेंगे'
मुस्लिम पक्ष ने याचिका में क्या दी दलील?
मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मई 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई करते हुए जिला जज को सिर्फ ऑर्डर 7 रूल 11 के तहत सिविल वाद की पोषणीयता पर ही सुनवाई का अधिकार दिया था. जब अभी तक वाद की पोषणीयता पर ही फैसला हुआ ही नहीं है तो जिला कोर्ट ASI सर्वे का आदेश कैसे जारी कर सकती है. मस्लिम पक्ष की याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से सर्वेक्षण को एक पुराने मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने को भी आधार बनाया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने ASI सर्वे पर लगाई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए सर्वेक्षण पर रोक लगा दी कि जिला अदालत के आदेश के खिलाफ अपील के लिए कुछ समय दिए जाने की जरूरत है. शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को यथास्थिति के आदेश की समाप्ति से पूर्व इस अपील पर सुनवाई करने का निर्देश दिया था.
यह भी पढ़ें- गीतिका शर्मा सुसाइड केस में गोपाल कांडा को राहत, दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने किया बरी
उच्चतम न्यायालय का आदेश ऐसे समय में आया जब एएसआई की टीम ज्ञानवापी परिसर के भीतर थी और चार घंटे तक सर्वे कर चुकी थी. इससे पहले वाराणसी की जिला अदालत ने एएसआई को ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर सर्वेक्षण करने का फैसला सुनाया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.