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राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के आरोप लगाए, जिसे चुनाव आयोग ने खारिज कर 'बेतुका' बताया. आयोग ने कहा कि ऐसे निराधार आरोप चुनाव प्रक्रिया और कर्मचारियों का अपमान हैं.
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 को 'मैच फिक्सिंग' करार देने के बाद एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है. राहुल ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे लोकतंत्र के खिलाफ षड्यंत्र बताया. उनके इस दावे पर शनिवार को चुनाव आयोग (ECI) की तीखी प्रतिक्रिया आई. आयोग ने न केवल राहुल गांधी के आरोपों को खारिज किया बल्कि इसे 'निराधार और बेतुका' करार दिया. साथ ही कहा कि ये आरोप न केवल आयोग की साख पर सवाल उठाते हैं बल्कि लाखों चुनाव कर्मचारियों के समर्पण का भी अपमान करते हैं.
राहुल गांधी ने एक लेख और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दावा किया कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने चुनाव आयोग की मदद से चुनाव नतीजों को प्रभावित किया. उन्होंने इसे पांच चरणों में समझाते हुए कहा, आयोग की नियुक्ति में हेरफेर, फर्जी मतदाताओं को जोड़ना, मतदान प्रतिशत में गड़बड़ी, टारगेटेड फर्जी वोटिंग और फिर सबूत छुपाना.
चुनाव आयोग ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह निराधार हैं. आयोग ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस को दिसंबर 2024 में ही विस्तृत जवाब भेजा जा चुका है, जो सार्वजनिक रूप से वेबसाइट पर उपलब्ध है. ऐसे में इन्हें दोहराना तथ्यों की अनदेखी है.
ECI ने कहा कि ऐसी भ्रामक बातें फैलाना केवल कानून का अपमान नहीं है, बल्कि खुद पार्टी के प्रतिनिधियों और चुनाव प्रक्रिया में लगे कर्मियों को भी अपमानित करता है.
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रही है. सभी प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मतगणना हुई और किसी भी चरण में गड़बड़ी की शिकायत को साक्ष्य के बिना उठाना गैरजिम्मेदाराना है.
आयोग ने दोहराया कि झूठे और आधारहीन आरोप भविष्य में लोकतंत्र की नींव को कमजोर करते हैं. अगर कोई सबूत है, तो उसे उचित मंच पर लाना चाहिए, न कि सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रम फैलाना.
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