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भारत
यमुना के किनारे के विकास में जलवायु संरक्षण और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए क्या विशेष कदम उठाए जा रहे हैं? जानिए, इन नई परियोजनाओं में क्या खास होगा.
दिल्ली में यमुना नदी के किनारे स्थित फ्लडप्लेन एरिया में पिछले दो वर्षों में 5 नई सार्वजनिक जगहें बनाई गई हैं. दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की योजना के तहत आने वाले दो से तीन वर्षों में 6 और जगहें बनेंगी. इनमें पार्क, घाट, कैफे और पैदल मार्ग शामिल हैं, जो शहरवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेंगे. इन परियोजनाओं में 22 किमी लंबे क्षेत्र का विकास हो रहा है, जिसका कुल क्षेत्रफल 1,660 हेक्टेयर है. अब तक 740 हेक्टेयर का विकास हो चुका है.
दिल्लीवासियों को यमुना के किनारे कई नई सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिनमें प्रमुख है सरे काले खान के पास बनाए जा रहे रिवरफ्रंट पार्क. इसके अलावा, कालिंदी बायोडायवर्सिटी पार्क, मयूर नेचर पार्क और राजघाट के पास इको-टूरिज्म क्षेत्र भी विकसित होंगे. इन परियोजनाओं से यमुना के किनारे को और अधिक आकर्षक और उपयोगी बनाया जाएगा, जिससे शहर की हरियाली में इजाफा होगा.
इन परियोजनाओं के बीच सबसे बड़ी चुनौती है सभी सार्वजनिक जगहों को जोड़ना, ताकि लोग आसानी से एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंच सकें. डी.डी.ए. अधिकारियों के अनुसार, इन स्थानों को जोड़ने की योजना भविष्य में बनाई जाएगी, लेकिन फिलहाल 11 परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है.
इन परियोजनाओं में पानी के संरक्षण के लिए विशेष उपाय किए गए हैं. वजीराबाद बायोडायवर्सिटी पार्क की तर्ज पर, नदियों के आसपास पानी संचयन के लिए भूमिगत जलाशय बनाए गए हैं. इसके अलावा, वहां ऐसे पौधे लगाए गए हैं जो यमुना की पारिस्थितिकी के अनुकूल हैं.
कानूनी आदेशों के तहत, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने यमुना किनारे अवैध बस्तियों को हटाने के लिए नोटिस जारी किए हैं. मयूर विहार और सराय काले खान के पास स्थित अतिक्रमणों को हटाया जाएगा, ताकि जलवायु संरक्षण और नदी की पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा की जा सके.
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