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हाल में मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जैसे जिलों में भी पुल ढहने (Bridge Collapse) की घटनाएं हुई हैं, जिसके बाद बिहार सरकार ने इन घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है.
भारी बारिश (Heavy Rain) के चलते बिहार (Bihar) में बुधवार यानी कल तीन और पुल ढह (Bridge Collapse) गए. इस घटना को लेकर अधिकारियों ने बताया कि 'पिछले 15 दिनों में मूसलाधार बरसात की वजह से बिहार में 9 पुल ढह चुके हैं.' इस संबंध में अधिकारियों ने आगे कहा कि 'बुधवार को तीनों पुल ढहने की घटना सारण और सिवान जिले में हुई है. इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है.' स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक इन पुलों का निर्माण 30 से 80 वर्ष पहले ही हुआ था. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने इसके संबंध में कहा है कि 'एक ही दिन में चार पुल ढह गए. सीएम और डिप्टी सीएम इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं.' सीएम नीतीश कुमार की ओर से सड़क निर्माण विभाग (RCD) और ग्रामीण कार्य विभाग (RWD) को बिहार में मौजूद सभी पुराने पुलों का फौरन सर्वे करने के लिए कहा है, इनमें से जिनकी मरम्मत करने की जरूरत है, उन्हें चिन्हित करने का निर्देश जारी किया है.
घटना की जांच की जा रही है
डब्ल्यूआरडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने एक बयान में बताया, 'बुधवार को सिवान और सारण में ढहे पुलों/पथों के कुछ हिस्से बहुत पुराने थे.' बयान के मुताबिक, 'ऐसा लगता है कि इन संरचनाओं का निर्माण आवश्यक मापदंडों का पालन करते हुए नहीं किया गया. ऐसा प्रतीत होता है कि नींव पर्याप्त गहरी नहीं थी, जिस कारण बाढ़ के दौरान ये संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं.' बिहार के सिवान जिले में गंडकी नदी पर बने पुल का एक हिस्सा बुधवार सुबह ढह गया. जिले के देवरिया ब्लॉक में स्थित यह छोटा पुल कई गांवों को महाराजगंज से जोड़ता है. उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार ने बताया कि पुल गिरने के असल कारणों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि ब्लॉक के वरिष्ठ अधिकारी पहले ही घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने कहा, 'देवरिया ब्लॉक में आज सुबह पुल का एक हिस्सा गिर गया. इस घटना का सही कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. ब्लॉक के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और मैं भी वहां जा रहा हूं.'
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कई जिलों में हो रही है ऐसी घटनाएं
उप विकास आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा, 'यह घटना तड़के करीब पांच बजे हुई. शुरुआती जानकारी के अनुसार, पुल का निर्माण 1982-83 में हुआ था. पिछले कुछ दिनों से पुल की मरम्मत का काम जारी था.' ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दिनों में हुई भारी बारिश के कारण पुल ढह गया होगा. उन्होंने कहा कि गंडकी नदी के उफान पर होने के कारण पुल की संरचना कमजोर हो गई. इस घटना से मात्र 11 दिन पहले ही सिवान में एक पुल ढहा था. इन घटनाओं ने बिहार में बुनियादी ढांचे की स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं. दरौंदा इलाके में 22 जून को पुल का एक हिस्सा ढह गया था. हाल में मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जैसे जिलों में भी ऐसी ही घटनाएं हुई हैं, जिसके बाद बिहार सरकार ने इन घटनाओं की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है.
(With PTI Input)
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