Turmeric Water या हल्दी वाला दूध, क्या है सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद?
Hathras Crime News: अंधविश्वास ने ली मासूम की बलि, तरक्की के लिए बच्चे की जान ली
UP News: पत्नियों से परेशान पति पहुंचे मानवाधिकार आयोग, 22 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज
क्या प्यार में वाकई उड़ जाती है नींद? जानें ऐसा क्यों कहते हैं लोग और इसकी वजह
Lucknow News: रात में सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करनेवालों की अब खैर नहीं, चुकानी होगी मोटी रकम
OIC का कश्मीर पर विवादित बयान, भारत ने जताया कड़ा विरोध
Unhealthy lungs की निशानी हैं शरीर में दिखने वाले ये संकेत, भारी पड़ सकती है अनदेखी
खजूर ही नहीं इसके बीज भी हैं सेहत के लिए फायदेमंद, जानें कैसे करें सेवन
इन चीजों से बने बर्तन में पानी पीने से खत्म होंगे ग्रहदोष, मिलेगा पैसा और सुख
Devara के ओपनिंग डे पर JR NTR के फैंस को लगा जोर का झटका, मेकर्स ने कही दी बड़ी बात
पंजाब में चाइल्ड पोर्नोग्राफी रैकेट का पर्दाफाश, पुलिस ने एक को दबोचा, 54 अन्य जांच के घेरे में
Delhi: कमिश्नर और मेयर के हक की लड़ाई जारी, जानें चुनाव टलने के पीछे की बड़ी वजह
Make UP Tips: होठों को लालिमा देने वाली Lipstick में कहां से आता है रंग, जानें पूरी प्रक्रिया
'PM बनने के मिल चुके हैं कई ऑफर, पर नहीं मंजूर', नितिन गडकरी ने ऐसा क्यों कहा?
चर्बी कम करने के लिए रोजाना पिएं इस मसाले का पानी, तेजी से घटेगा वजन, जानें कैसे करें इस्तेमाल
Devara Review: लोगों की उम्मीदों पर खरी उतर पाई Jr NTR की फिल्म? जानें क्या कहती है पब्लिक
Swiggy और Zomato से चाहिए सबसे Fast Delivery? अपनाएं ये आसान Trick
सावधान! Genz वर्क प्रेशर से हो रही डिप्रेशन का शिकार, जानें क्या है इसका सबसे बड़ा करण
Israel-Hezbollah Attacks: अमेरिका की युद्धविराम अपील खारिज, इजरायल-हिज्बुल्लाह में बढ़ा तनाव
क्या बैठे रहने से होने लगता है रीढ़ में दर्द? बचने के लिए आहार में शामिल करें 5 Vitamins
Kohli तोड़ेंगे Sachin Tendulkar का विराट रिकॉर्ड, बस इतने रनों से दूर
Toll Tax: जानिए क्या है टोल टैक्स, भारत में ये कैसे होता है लागू, ये रही पूरी जानकारी
शराबबंदी या मजाक! बिहार में जाम पर जाम लगाते नजर आए थानाध्यक्ष, वीडियो Viral
रात को वॉशरूम जाना बच्चे को पड़ा भारी, स्कूल ने दी ऐसी भयानक सजा, काट लिए मार्क्स
अक्सर परेशान करती है एसिडिटी की समस्या, तो इन 5 घरेलू ड्रिंक्स से तुरंत मिलेगा आराम
अमेरिका में फिर से हिंदू मंदिर पर साधा गया निशाना, न्यूयॉर्क के बाद अब California में बर्बरता
Health Tips: इन 4 बीमारियों में बिल्कुल भी न खाएं दही, स्लो पॉइजन की तरह करता है काम
MP Crime News: 5 साल की मासूम से दरिंदगी, गला दबाकर हत्या, पुलिस ने आरोपी सहित मां-बहन को दबोचा
Israel में बम बरसा रहे हमास-हिजबुल्लाह, फिर भी घायल भारतीय जवान को Airlift कर लाई Indian Army
बदलापुर एनकाउंटर: अक्षय शिंदे के सिर में कैसे मारी गोली? HC ने उठाए सवाल, परिजनों ने मांगी सुरक्षा
राहुल गांधी के खिलाफ BJP कार्यकर्ताओं का हल्लाबोल! पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर रोका
सरकार ने बनाई 24 संसदीय समितियां, PM Modi ने Rahul Gandhi को भी सौंपी ये बड़ी जिम्मेदारी
MCD स्टैंडिंग कमेटी चुनाव को लेकर टकराव, सिसोदिया बोले- ऐसी क्या आफत आ गई जो रात में...
IPL 2025: 'RCB ने कप्तान बनाने से किया इनकार,' Rishabh Pant बोले - सुधर जाओ!
'PM मोदी एक ही मेट्रो के उद्घाटन के लिए 6वीं बार पुणे आ रहे थे…, Supriya Sule ने कसा तंज
Hezbollah के ड्रोन कमांडर की मौत! इजरायल का दावा- बेरूत पर की बमों की बारिश
क्या हैं Param Rudra Super Computer, पीएम मोदी ने किए लॉन्च, जानें इसकी खासियत
Waqf Board Bill पर चल रही थी JPC बैठक, Shiv Sena और TMC सांसद भिड़े, फिर दोनों को मिली ऐसी सजा
यमुना एक्सप्रेसवे पर फिर महंगा हुआ सफर, जानिए कार, बस, ट्रकों को अब कितना देना होगा Toll Tax
SSC CHSL 2024 टियर 2 परीक्षा की तारीखों का ऐलान, यहां चेक करें शेड्यूल
Cholesterol Remedy: कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर देगी इस पेड़ की छाल, नसों से बाहर हो जाएगी सारी गंदगी
Uk की ओर से इस हिंदी फिल्म ने ली Oscar 2025 में एंट्री, Laapataa Ladies को देगी कड़ी टक्कर
रिया-टीना डाबी ही नहीं उनकी मां भी थीं UPSC टॉपर, बेटियों के लिए दी थी बड़ी 'कुर्बानी'
सालासार बालाजी के लिए भक्त का बड़ा योगदान, जानिए स्टांप पेपर पर क्या लिखकर दे दिया
पाकिस्तानी लड़की ने फोटोशूट के लिए अपनाई ऐसी ट्रिक कि आप भी कहेंगे तौबा-तौबा, देखें तस्वीरें
'मोदी बहुत ताकतवर हैं, लेकिन भगवान नहीं...', दिल्ली विधानसभा में BJP पर जमकर बरसे केजरीवाल
Swami Vivekananda Quotes: जीवन में उतार लेंगे स्वामी विवेकानंद के ये 5 विचार तो कदम चूमेगी सफलता
एक ही दिन में पलटी कांग्रेस, हिमाचल में नहीं होगा नेमप्लेट नियम लागू, समझें सरकार के यू-टर्न की वजह
इस OTT प्लेटफॉर्म पर देख सकेंगे Shraddha Kapoor-Rajkumar Rao की Stree 2, पूरी करनी होगी एक शर्त
शिवसेना नेता संजय राउत को कुछ ही घंटों में मिली बेल, कोर्ट ने 15 दिनों के लिए सुनाई थी जेल की सजा
Shakib Al Hasan Retirement: शाकिब अल हसन ने किया संन्यास का ऐलान, इस मैदान पर खेलेंगे आखिरी टेस्ट
Domestic Violence Act पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, सभी महिलाओं पर लागू होगा ये कानून
'जो आतंक फैलाएगा, उसे फांसी का तख्ता ही मिलेगा', अमित शाह का बड़ा बयान
पत्थरचट्टे के पत्तों में छिपा है इन 5 बीमारियों का इलाज, खाते ही दिखने लगेगा असर
CBFC ने जारी किया बयान, Kangana Ranaut की Emergency को इस शर्त पर मिलेगा सर्टिफिकेट
'संविधान बदलने की तैयारी में थी भाजपा', आरक्षण को लेकर चिदंबरम का BJP पर बड़ा आरोप
ये हैं दुनिया के 5 सबसे खूबसूरत ब्लाउज, देखें तस्वीरें
भीगे चने या अंकुरित चने? सेहत के लिए कौन है सबसे ज्यादा फायदेमंद
फर्जी ट्राई कर्मी बनकर ठगों ने महिला से ऐंठे 30 लाख रुपये, 12 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा
जानें कौन है जम्मू कश्मीर का वो शख्स, जो बना KBC 16 का पहला करोड़पति, जीते एक करोड़
फिर से गर्माया राहुल गांधी की नागरिकता का मुद्दा, अब दिल्ली हाईकोर्ट में होने जा रही सुनवाई
Herbal Tea: बीमार न कर दें बदलता मौसम, हेल्दी रहने के लिए पिएं ये 4 हर्बल टी, बूस्ट होगी इम्युनिटी
Parenting Tips: इन 5 बुरी आदतों को बड़ी तेजी से सीखते हैं बच्चे, पैरेंट्स को देना चाहिए खास ध्यान
Mumbai Rain News: मुंबई में भारी बारिश के कारण ट्रेन-हवाई सेवाएं प्रभावित, PM Modi का पुणे दौरा रद्द
मलयालम एक्टर Edavela Babu यौन उत्पीड़न मामले में हुए गिरफ्तार, मिली जमानत
GATE 2025 के लिए बिना लेट फीस आज है रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख, इस लिंक से फटाफट करें अप्लाई
Manage Work Pressure: जान का दुश्मन न बन जाए ज्यादा काम, जानें कैसे मैनेज करें ऑफिस का वर्क प्रेशर?
'सिर्फ BJP-कांग्रेस नहीं, यह हरियाणा के विकास की लड़ाई है', चुनाव के बीच खुलकर बोले नितिन गडकरी
DNA LIT
Straightforward: कथाकार कंचन सिंह चौहान मानती हैं कि शारीरिक कमी को, विकलांगता को दिव्यांग कहने और लिखने का सुझाव अटपटा है. बल्कि अटपटा ही नहीं, उपहास उड़ाने जैसा है. देह की किसी कमी को सहज रूप से देखे जाने की जरूरत है. न उसे हेय दृष्टि से देखे जाने की जरूरत है और न ही सहानुभूति जताने वाले भाव से.
TRENDING NOW
डीएनए हिंदी: व्हीलचेयर पर चलती हैं वे, लेकिन उनकी कहानियां अपने कथ्य के पहिए पर सरपट दौड़ती हैं. उत्सव के किसी भी मौके पर उनका उत्साह देखते बनता है. बल्कि वे बताती हैं कि उनके लिए हर दिन एक उत्सव है. विकलांगता भले ही कुछ लोगों के लिए अभिशाप बनती हो, मगर कंचन सिंह चौहान रोज इस विकलांगता से मुठभेड़ करती हैं और उसे अपने दम पर पराजित कर आगे बढ़ती हैं. खास बात यह भी है कि उनकी इस जीत को हम जैसे लोग जब महिमामंडित करते हैं, ऐसे वक्त में भी उनका चेहरा, उनकी अभिव्यक्ति बिल्कुल सहज रहती है, जैसे यह विकलांग देह उनके लिए सहज स्थिति है.
कथाकार कंचन सिंह चौहान मानती हैं कि शारीरिक कमी को, विकलांगता को दिव्यांग कहने और लिखने का सुझाव अटपटा है. बल्कि अटपटा ही नहीं, उपहास उड़ाने जैसा है. देह की किसी कमी को सहज रूप से देखे जाने की जरूरत है. न उसे हेय दृष्टि से देखे जाने की जरूरत है और न ही सहानुभूति जताने वाले भाव से.
तुम्हारी लंगी
कंचन सिंह चौहान ने अपने रचना संसार और रचना प्रक्रिया पर विस्तार से बातचीत की. उन्होंने बताया कि लिखना उनके लिए क्यों जरूरी है. बता दें कि कुछ साल पहले राजपाल प्रकाशन से उनका कहानी संग्रह 'तुम्हारी लंगी' आ चुका है. वे बताती हैं कि 2011 में उनकी पहली कहानी छपी थी. इसके बाद उन्होंने कई कहानियां लिखीं जो अलग-अलग पत्र-पत्रिकाओं में छपती रहीं. ऐसी ही 9 कहानियों का संग्रह 2019 में 'तुम्हारी लंगी' नाम से आया.
उपन्यास पर जारी है काम
वे बताती हैं कि फिलहाल वे एक उपन्यास पर काम कर रही हैं. लगभग 60 प्रतिशत लिख चुकी हैं. बस उसी को पूरा करने की कोशिश में लगी हैं. उन्होंने बताया कि एक दौर था जब वे गीत और गजलें लिखा करती थीं. मंचीय कवि के रूप में उनकी पहचान बनी थी. लेकिन गजल लिखते वक्त उन्हें लगता था कि बातें पूरी नहीं आ पा रहीं. और तब पूरी बात रखने के लिए मैंने कहानी विधा में खुद को आजमाया.
बहुत अपनी-सी लगी कुब्जा
मेरी कहानियां लंबी हुआ करती थीं. मेरे पास कहने के लिए बहुत होता था. और ऐसे भी मुझे लगता है कि मैं बातों को छोटा करके नहीं रख पाती. मैं बहुत लंबी-लंबी बातें किया करती हूं. जैसे, मेरी एक कहानी है 'तुम्हारी लंगी'. इस कहानी का मेरे पास जो प्लॉट था वो था कृष्ण की एक प्रेमिका कुब्जा. कुब्जा को मैं बहुत पहले से जानती थी, पर किसी रोज कोई ऐसी घटना हुई जिसके बाद मैंने कुब्जा को फिर से और विस्तार से पढ़ा. और जब पढ़ा तो वह पात्र मुझे बहुत अपना सा लगा. कुब्जा को मैंने देखा कि एक विकलांग स्त्री है, जो उपेक्षिता भी है. लेकिन उसे किसी के प्रेम ने बहुत आत्मविश्वासी बना दिया. इतना आत्मविश्वासी कि उस समय ईश्वर कहे जाने वाले व्यक्ति को भी बढ़कर प्रणय निवेदन करने की हिम्मत आ गई. और यह पूछे जाने पर कि तुम क्या चाहती हो उसके भीतर ठुकरा देने की भी हिम्मत आ गई.
ऐसे बना उपन्यास लिखने का इरादा
जब मैं यह कहानी लिखने लगी तो मुझे लगा कि इस कहानी में तो उपन्यास के तत्त्व हैं. लेकिन उस वक्त कहानी पूरी करनी थी तो पूरी कर दी. लेकिन उसी समय तय कर लिया था कि कुब्जा पर मैं एक उपन्यास लिखूंगी. क्योंकि समय बीत जाता है, युग बीत जाता है पर जो उपेक्षित होता है, उसकी स्थितियां नहीं बदलतीं.
उपन्यास लेखन में मेरा ये संकट
वर्किंग लेडी होने के कारण मेरा ये संकट है कि सुबह जो ख्याल रखती हूं, वो रात तक याद नहीं रह जाता है. वो दिन भर के काम के बीच एबॉर्ड हो जाता है, गुम हो जाता है. उपन्यास लेखन में मेरे साथ ये दिक्कत हो रही है कि एक दिन कुछ लिखा फिर दो दिन तक किसी और काम में व्यस्त हो गई. फिर जब तीसरे दिन लिखने बैठूं तो पहले हिस्से को पढ़कर फिर उस मनःस्थित में, उन पात्रों में प्रवेश करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. शुरू में तो ठीक था कि 20-25 पन्ने थे तो उन पन्नों को पढ़कर कुब्जा और अन्य पात्रों के साथ आसानी से हो लेती थी, लेकिन ज्यादा पन्ने और ज्यादा पात्र हो जाने के बाद उन्हें फिर से पढ़ना और फिर उन स्थितियों में खुद को तुरंत ढाल लेना संभव नहीं हो पाता है. लेकिन मैं जानती हूं कि इस संकट से निकलकर अंततः मैं इसे साध लूंगी.
ख्याल नोट कर लेती हूं
मैं यह भी करती हूं कि उपन्यास और उसके पात्रों को लेकर जो ख्याल, जो विचार, जो स्थितियां जेहन में आती हैं, उन्हें नोट कर लेती हूं. दो-चार दिन के अंतराल पर ऐसे ख्याल आते ही रहते हैं जो मेरे पास नोट होते रहते हैं. बाद में इन अलग-अलग नोट्स के बीच में कई गैप दिखते हैं. तो इन गैप को भरना चुनौती वाला काम होता है.
इसे भी पढ़ें : राज्यसभा सांसद और साहित्यकार महुआ माजी ने कहा- आनेवाला है मेरा तीसरा उपन्यास
दिव्यांग कहना अजीब है
जब मैंने पहली बार यह शब्द सुना तो लगा कि चलो ठीक है किसी ने कह दिया तो नजरअंदाज करो. लेकिन यह ठीक वैसे ही हुआ जैसे किसी ने रात में पहरेदारी करने वाले का मजाक उड़ाते हुए कभी कह दिया कि तुम तो बहादुर हो, उसके बाद रात का हर पहरेदार 'बहादुर' कहलाने लगा. इसी तरह बाद में जब मैंने देखा कि यह तो हर तरह की विलांगता को दिव्यांग में बदल दिया गया तो अजीब लगा. यह वैसे ही है जैसे नेत्रहीनों को हम सूरदास कहने लगें. अब जरा सोचिए कि जिन लोगों ने अपने समर्थ बच्चों का नाम 'दिव्यांग' रखा होगा, उन पर क्या बीतती होगी.
समावेशी भाव हो तो बात बने
किसी दलित को हरिजन कह देने से, किसी महिला को वीरांगना कह देने से किसी विकलांग को दिव्यांग कह देने से बात बनने वाली नहीं है. होना तो यह चाहिए कि यह सब कहने के बजाए ये भाव आपके मन में हों. विकलांग हो, दलित हो या महिला हो - इन सबके प्रति आपके मन में समावेशी भाव हो तभी कोई सार्थक बात बनेगी. वर्ना आप कुछ भी कह लें, उससे किसी स्थिति में, किसी की हालत में कोई परिवर्तन नहीं होगा.
इसे भी पढ़ें : स्त्री अंतर्मन को समझने की दृष्टि देता है कविता संग्रह 'प्रतिरोध का स्त्री-स्वर'
लिखना मेरी मजबूरी
मैंने लिखना इसलिए शुरू किया कि मैं लिखे बिना नहीं रह सकती. दरअसल, हर बच्चे में अथाह ऊर्जा होती है, उन्हें भागना होता है, दौड़ना होता है. ऐसी ऊर्जा मेरे भीतर भी रही होगी. लेकिन वो समय मुझे बैठकर बिताना था. उस समय जो मैं करना चाहती थी, नहीं कर पा रही थी. नतीजतन मैं एक काल्पनिक दुनिया में चली गई. शुरुआती दौर में स्कूल में एडमिशन नहीं हुआ मेरा. लेकिन छुटपन में अक्सर मैं अपनी मां से कहा करती थी कि आज मेरी वो सहेली आनेवाली है. उसके साथ स्कूल जाना है. आज उसका जन्मदिन है तो मुझे भी कलर ड्रेस पहनना है... वगैरह... वगैरह... यहीं से मेरे भीतर एक काल्पनिक दुनिया बनने लगी और यहीं से मेरी कहानी भी शुरू हो गई. यानी मेरे अंदर जो भड़ास था, उसे निकालने के लिए मैं लिखने लगी. अगर मैं नहीं लिखती तो शायद मैं 'हाइपोथिटिकल' जीवन जीने लगती. मैं लिखने लगी तो मेरे भीतर का सारा गंदा पानी निकलता गया.
बदसूरती से ही निकली है खूबसूरती
कथाकार कंचन सिंह चौहान कहती हैं दुनिया की जितनी सुंदर चीजें हैं, वो गंदगी से ही निकली हैं. जितना ज्यादा गोबर (खाद) डालेंगे उतनी बेहतर पैदावार होगी. कहते हैं कि गांव में जहां मनुष्यों का मल ज्यादा रहा है, उस खेत की उपज ज्यादा रही है. इसे बच्चे के पैदा होने की पूरी प्रक्रिया से भी जोड़कर देख सकते हैं. कहने का मतलब कि जितनी ज्यादा बदसूरत चीजें होंगी उससे उतनी ही खूबसूरत चीजें निकलेंगी. साहित्य रचना में भी इसे देखा जा सकता है. पीड़ा में लिखा गया साहित्य दुनिया के श्रेष्ठ साहित्य में अपनी जगह बनाता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.