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Explainer: कन्नड़ या तमिल, कौन सी भाषा पहले आई, Kamal Haasan के बयान पर क्यों हुआ विवाद? 8 पॉइंट्स में समझें पूरी बात

Kamal Haasan Kannada Tamil Row: फिल्म एक्टर से राजनेता बनने की कोशिश कर रहे कमल हासन ने पिछले दिनों कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल भाषा से होने का बयान दिया था, जिसके बाद कन्नड़ भाषी संगठनों ने हंगामा खड़ा कर रखा है.

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Explainer: कन्नड़ या तमिल, कौन सी भाषा पहले आई, Kamal Haasan के बयान पर क्यों हुआ विवाद? 8 पॉइंट्स में समझें पूरी बात

Kamal Haasan Kannada Tamil Row: दक्षिण भारतीय फिल्म स्टार कमल हासन के कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल भाषा से होने की  लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. कर्नाटक में इसे लेकर जबरदस्त हंगामा मचा हुआ है. आम कन्नड़ भाषी व्यक्ति से लेकर कर्नाटक के राजनेताओं तक ने इसे लेकर कमल हासन की आलोचना की है. कमल हासन की नई फिल्म Thug Life का कर्नाटक में बहिष्कार कर दिया गया है. इसके बाद कमल हासन बैकफुट पर आ गए हैं. बुधवार को उन्होंने इस विवाद को लेकर स्पष्टीकरण देने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि मैं भाषा के बारे में बात करने के योग्य नहीं हूं. कोई भी राजनेता भाषा के बारे में बात करने के योग्य नहीं हैं, मैं भी इसमें शामिल हूं. हालांकि इसके बाद भी यह विवाद थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं.

चलिए 8 पॉइंट्स में आपको बताते हैं कि पूरा विवाद क्या है और कन्नड़ या तमिल में से कौन सी भाषा पहले आई है-

1- फिल्म प्रमोशन में दिए बयान से शुरू हुआ विवाद
कमल हासन ने चेन्नई में अपनी फिल्म 'ठग लाइफ' के प्रमोशन के दौरान ऐसा बयान दिया, जिसे लेकर हंगामा मचा है. इस फिल्म प्रमोशन में कमल के साथ कन्नड़ फिल्म स्टार शिवराजकुमार भी मौजूद थे. कमल हासन ने प्रमोशन के दौरान बोलते हुए शिवराजकुमार की तरफ इशारा करके कहा,'यह भी हमारे परिवार का ही हिस्सा हैं. इनकी भाषा (कन्नड़) हमारी भाषा (तमिल) से पैदा हुई है.' कमल हासन के इसी बयान को कन्नड़ भाषी लोगों ने अपना अपमान बताते हुए हंगामा खड़ा कर दिया है. कर्नाटक के बेलगावी, मैसूरु, हुबली, बेंगलुरु आदि इलाकों में प्रो-कन्नड़ संगठनों ने जगह-जगह कमल हासन के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं और उनके बिना शर्त माफी नहीं मांगने पर उनकी फिल्मों को थिएटर मे नहीं लगने देने की धमकी दी है.

2- कर्नाटक के राजनेताओं ने कही है ये बात
कर्नाटक के राजनेताओं ने भी कमल हासन के बयान की आलोचना की है. कांग्रेस नेता व मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा,'कन्नड़ का इतिहास बेहद पुराना है, लेकिन बेचारे कमल हासन को इसका ज्ञान ही नहीं है.' पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी कमल हासन के बयान को अहंकार की हदों को पार करने वाला और कन्नड़ भाषा के साथ ही एक्टर शिवराजकुमार का भी अपमान बताया है. कमल हासन तमिलनाडु में राजनीतिक दल मक्कल निधि मायम (MNM) के संस्थापक भी हैं और उनकी पार्टी राजनीति में पूरी तरह सक्रिय है. ऐसे में उने बयान को कर्नाटक-तमिलनाडु के बीच पानी समेत कई मुद्दों पर चलने वाले पुराने विवादों से भी जोड़कर देखा जा रहा है.

3- कमल हासन ने कही है विवाद खत्म करने के लिए अब ये बात
कमल हासन ने अपने बयान पर मचे हंगामे के बाद बुधवार को कहा,'मैंने जो कहा, वो प्यार से कहा था और बहुत से इतिहासकारों ने मुझे भाषा का इतिहास पढ़ाया है. मेरा (अपमान करने का) कोई मकसद नहीं था. तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है, जहां मेनन हमारे मुख्यमंत्री रहे हैं, जहां रेड्डी हमारे मुख्यमंत्री रहे हैं, एक तमिल हमारे मुख्यमंत्री रहे हैं और एक कन्नड़ अयंगर हमारे मुख्यमंत्री रहे हैं. राजनेता भाषा पर बोलने के लिए योग्य नहीं होते हैं. उनके पास इसे लेकर बोलने की योग्यता नहीं है और मैं भी उनमें शामिल हूं. चलिए यह सब इतिहासकारों, पुरातत्वविदों और भाषा विशेषज्ञों के बीच गहन चर्चा करने के लिए छोड़ देते हैं.' 

4- कन्नड़ या तमिल में से पहले कौन सी भाषा आई?
कन्नड़ या तमिल, दोनों में से पहले कौन सी भाषा आई? क्या कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल भाषा से हुआ है? इन सवालों का जवाब इतिहास में तलाशा जाए तो दोनों द्रविड़ियन भाषा का बेहद पुराना इतिहास मिलेगा. भाषाविदों के मुताबिक, दोनों द्रविड़ परिवार की अहम भाषाएं हैं, जिनका जन्म प्रोटो द्रविड़ की अलग-अलग शाखा के तौर पर हुआ है. कन्नड़ आज की तारीख में करीब 3.8 करोड़ लोगों की फर्स्ट लेंग्वेज है और करीब 1 करोड़ लोगों की सेकंड लेंग्वेज है. तमिल भाषा भारत समेत करीब 7 देशों श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, मॉरीशस, फिजी और दक्षिण अफ्रीका में अहम भाषा के तौर पर मौजूद है, जिसे बोलने वालों की संख्या करीब 7 करोड़ मानी जाती है.

5- कन्नड़ भाषा का सबसे प्राचीन सबूत 2500 साल पुराना
कन्नड़ भाषा का जन्म करीब 2,500 साल पुराना माना जाता है. सबसे पुराना कन्नड़ शिलालेख एक छोटे से समुदाय हल्मिदी में पाया गया है, जिसे 450 ईसा पूर्व के आसपास का पाया गया है. यह कदंबों का शिलालेख है. हालांकि कुछ इतिहासकारों का दावा है कि तीसरी सदी ईसा पूर्व में भी कन्नड़ भाषा बोली जाती थी. अलेक्जेंड्रिया के स्कॉलर टॉलेमी (Ptolemy) की लिखी ज्योग्राफी को कन्नड़ भाषा की प्राचीनता का अहम दस्तावेज माना जाता है, जिसमें कर्नाटक के कलगेरिस (मौजूदा कलकेरी), बादामियोस (बादामी), मोडोगौल्ला (मुदुगल) जैसे स्थानों का जिक्र है. यह दस्तावेज दूसरी सदी एडी का है. ये इतिहासकार कन्नड़ भाषा का उद्गम करीब 950 ईसा पूर्व मानते हैं. कर्नाटक में मिले सम्राट अशोक के शिलालेखों में भी कन्नड़ शब्द मिले हैं. हालांकि भाषा विशेषज्ञ इससे यह अंदाजा लगाते हैं कि कन्नड़ लिपि अशोक की ब्राह्मी लिपि के दक्षिणी रूपों से विकसित हुई है.

6- कन्नड़ भाषा नाम 9वीं सदी में मिला
कन्नड़ भाषा को इसका मौजूदा नाम माना जाता है कि 9वीं सदी में तब मिला, जब राजा नृपातुंगा के बढ़ावा देने पर कविराज मार्ग की काव्यात्मक पुस्तक सामने आई. यह कन्नड़ भाषा की सबसे पुरानी साहित्यिक कृति मानी जाती है. इससे पहले 7वीं सदी में बदामी में कप्पे अरभट्ट के रिकॉर्ड को कन्नड़ की पहली कविता माना जाता है. इससे भी पहले 5वीं सदी में मंगलेश का बदामी रिकॉर्ड भी पाया गया है. कन्नड़ भाषा को ओल्ड और प्रीओल्ड में बांटा गया है. ओल्ड कन्नड़ का रिकॉर्ड 800 से 1000 ईसा बाद का है, जबकि प्री ओल्ड कन्नड़ का रिकॉर्ड 450 से 800 ईसा बाद का है. कन्नड़ भाषा की आधुनिक लिपि का सबसे पुराना रूप कदंब लिपि को माना जाता है. होयसल कन्नड़ लिपि को इस भाषा की सबसे सजावटी लिपि माना जाता है, जिसका विकास होयसल राजाओं ने कल्याण चालुक्य कन्नड़ लिपि से कराया था. आज की तारीख में कन्नड़ भाषा के 20 से ज्यादा अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं, जिनमें सोलिगा कन्नड़, कोडावा, ह्वयेका, कुंडा, आरे भाषे, बादागा कन्नड़, हुबली कन्नड़ और गुलबर्गा कन्नड़ शामिल हैं.

7- तमिल भाषा कितनी पुरानी है?
तमिल भाषा को 2,500 से 1500 ईसा पूर्व की भाषा माना जाता है. भाषाविदों का मानना है कि यह भी द्रविड़ भाषा का हिस्सा है, जो करीब 3,500 साल पहले संस्कृत को साथ लेकर भारत आए इंडो-आर्यंस (इंडो-आर्यंस के बाहर से आने के दावे को लेकर अभी तक इतिहासकार एकमत नहीं हैं) के आगमन से पहले यहां बोली जाती थी. इस दावे के हिसाब से देखें तो तमिल भाषा 4,000 से 4,500 साल पुरानी हो सकती है. तीसरी सदी ईसा पूर्व से तीसरी सदी ईसा बाद तक के तमिल भाषा के साहित्य, कविताएं और धार्मिक पांडुलिपियां मिलती हैं. हालांकि तमिल की द्रविड़ भाषा समूह से अलग भाषा के तौर पर शुरुआत 1,000 ईसा पूर्व से मानी जाती है. इसे ही क्लासिक तमिल माना जाता है. मध्यकालीन युग में चोल साम्राज्य के राजराजा चोल-1 और राजेंद्र चोल-1 ने तमिल शिलालेखों, मंदिरों के आर्किटेक्चर और साहित्य को बढ़ावा दिया था.

8- क्या तमिल भाषा से जन्मी है कन्नड़?
यदि दोनों भाषाओं के इतिहास को देखें तो यह स्पष्ट है कि दोनों एक ही भाषा समूह से जन्मी हैं. लेकिन कन्नड़ भाषा का जन्म तमिल भाषा से हुआ है, कमल हासन का यह दावा सही नहीं लगता है. द्रविड़ भाषा समूह का हिस्सा होने के चलते दोनों में कुछ समानताएं हो सकती हैं, लेकिन असल में दोनों बेहद अलग भाषा के तौर पर विकसित हुई हैं.

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