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क्या है IMEEC प्रोजेक्ट, जो भारत के लिए UAE और यूरोप में कारोबार करेगा आसान

What is IMEEC Project: इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (आईएमईईसी) बनने के बाद भारतीय बंदरगाहों से जहाज के जरिए माल संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप में माल ले जाना आसान हो जाएगा.

क्या है IMEEC प्रोजेक्ट, जो भारत के लिए UAE और यूरोप में कारोबार करेगा आसान

IMEEC India Benefit

डीएनए हिंदी: भारत ने इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC) पर काम शुरू कर दिया है. आठ बंदरगाहों को रेलवे लाइन से जोड़ने वाला यह भारत का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसमें करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये की लागत लगेगी.  इस कॉोरिडोर के बनने के बाद भारतीय बंदरगाहों से जहाज के जरिए संयुक्त अरब अमीरात तक माल पहुंचाने में आसानी हो जाएगी. बता दें कि इजरायल और हमास के बीच छिड़े युद्ध की वजह से इस प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे थे. लेकिन भारत सरकार ने तय समय पर ही इस प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया.

सरकार ने कहा कि आईएमईईसी प्रोजेक्ट पर युद्ध का कोई असर नहीं होगा. हमने जो लक्ष्य तय किया है उसके अनुसार ही आगे बढ़ेंगे. रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक मीडिया संस्थान से बात करते हुए कहा, 'IMEEC प्रोजेक्ट भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है. इसका महत्व दीर्घकालिक के लिए है. हालांकि अल्पकालिक इसमें गड़बड़ियां चिंता का विषय हो सकती हैं. लेकिन बनने के बाद भारत को कारोबार में इससे बहुत फायदे होंगे. 

ये भी पढ़ें- इजरायल vs हमास: चीन और US ने तैनात किए खतरनाक हथियार

उन्होंने कहा कि हम 8 बंदरगाहों को रेलवे लाइन से जोड़ेंगे ताकि हम देश के किसी भी हिस्से में 24 घंटे के अंदर पहुंच सकें और IMEEC का इस्तेमाल कर पश्चिम एशिया और यूरोप में माल तेजी से पहुंचा सकें. वैष्णव ने कहा कि इससे देश को कारोबार करने और मामल पहुंचाने में आसानी होगी. रेल मंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये लागत आएगी. इसमें कई परियोजनाएं शामिल हैं जो पाइपलाइन में हैं या जिन्हें हाल ही में मंजूरी दी गई है. 

IMEEC से भारत को क्या होगा फायदा?
इंडिया मिडिल ईस्ट यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी आईएमईईसी के बनने के बाद भारतीय बंदरगाहों से जहाज के जरिए माल संयुक्त अरब अमीरात के फुजैरा शहर ले जाया सकेगा. इसके बाद वहां से कंटेनरों के जरिए इजरायल के हाइफा, इटली, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका तक पहुंचाया जा सकेगा. वहीं से यूरोप भी माल भेजा जाएगा. इतना नहीं इस कॉरिडोर के बनने के बाद ग्रीस और उत्तरी अफ्रीका के बंदरगाहों पर माल पहुंचाने में आसानी होगी. 

इससे भारत के कारोबार में बढ़ोतरी होगी. सामान की आवाजाही आसान हो जाएगी. भारत में सील किए गए कंटेनर IMEEC के रास्ते किसी भी देश में खोले बिना पश्चिम एशिया और यूरोप तक सीधे ले जाए सकेंगे.

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी बताया महत्वपूर्ण
पीएम नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान इस प्रोजेक्ट की घोषणा की थी. भारत के इस प्रोजेक्ट को चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट जवाब में देखा जा रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी IMEEC को क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बताया था. उन्होंने कहा था कि इस प्रोजेक्ट से अमेरिका को कारोबार करने में आसानी होगी.

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