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यूटिलिटी
Blinkit के डिलीवरी पार्टनर नए वेतन ढांचे के विरोध में बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं. यह हड़ताल लगातार जारी है.
डीएनए हिंदी: दिल्ली-एनसीआर में सैकड़ों डिलीवरी पार्टनर, जो ज़ोमैटो (Zomato) के स्वामित्व वाले रैपिड कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट (Blinkit) द्वारा नियोजित हैं, संशोधित मूल्य निर्धारण संरचना के विरोध में बुधवार को हड़ताल पर चले गए, उनका दावा है कि उनकी आय में कटौती होगी और कुछ स्थानों पर सेवा में बाधा आएगी.
हालांकि यह बताते हुए कि यह एक "ऑप्ट-इन अभ्यास" है, एक ब्लिंकिट प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि कंपनी ने "हमारे भागीदारों के लिए एक नई भुगतान प्रणाली लागू की है जो ऑर्डर देने के उनके प्रयास के आधार पर उन्हें मुआवजा देती है."
कर्मचारियों ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और दिल्ली-एनसीआर के अन्य इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने बाद में गुरुग्राम के जिला आयुक्त से बात की. दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद और अन्य में कई स्टोर बंद रहे.
कर्मचारियों के बुधवार को अधिकारियों से संपर्क करने के बाद ब्लिंकिट को हरियाणा श्रम विभाग (Haryana Labour Department) से एक अधिसूचना मिली है.
पिछले रेट कार्ड के मुताबिक नितिन नाम के एक कर्मचारी को हर डिलीवरी के 50 रुपये मिलते थे. “अब यह 7 से 18 प्रति डिलीवरी के बीच है. पहले हमें तीन किमी के लिए 50 रुपये मिलते थे. अब तीन किमी के लिए सिर्फ 18 रुपये मिलेंगे. प्रत्येक आर्डर का वजन अधिकतम 20 किग्रा होता है. अगर हम दरवाजे पर डिलीवरी नहीं करते हैं, तो वे हमें टर्मिनेट कर देते हैं. हमारा समर्थन करने के लिए यहां कोई नहीं है. इसलिए, हमने काम पर हड़ताल करके विरोध करने का फैसला किया है."
“हमने मामला श्रम आयुक्त को सौंप दिया है. गुरुवार को बैठक बुलाई गई है. ब्लिंकिट को भी एक नोटिस भेजा गया है,” उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.
ऑल इंडिया गिग वर्कर्स यूनियन (All India Gig Workers' Union) ने इस मामले में मजदूरों को मदद की पेशकश की है. कंपनी की अवैध नीतियां, यूनियन नेता रिक्ता कृष्णस्वामी (Rikta Krishnaswamy) के मुताबिक दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है.
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