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उत्तर प्रदेश में तबादलों को लेकर सियासी घमामान मचा हुआ है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक समेत तीन मंत्री इसे लेकर नाराज बताए जा रहे हैं.
डीएनए हिंदीः उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में तबादलों को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. पीडब्ल्यूडी विभाग में हुए तबादलों को लेकर अनियमितता की खबरें सामने आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने जांच बैठा दी है. इसे लेकर लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) नाराज बताए जा रहे हैं. वहीं अब स्वास्थ्य विभाग में तबादलों में अनियमितता के मामले सामने आए हैं. सीएम योगी की सख्ती और जांच के आदेश के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश (Brijesh Pathak) पाठक भी नाराज बताए जा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ब्रजेश पाठक के पास ही है. वह अस्पतालों में औचक निरीक्षण को लेकर लगातार चर्चा में रहे हैं.
क्या है मामला
पिछले दिनों लोक निर्माण विभाग में 350 से अधिक इंजीनियरों के ट्रांसफर किए गए थे. इसमें कई अनियमितताएं सामने आई थी. कई ऐसे लोगों के भी ट्रांसफर किए गए थे जो जीवित ही नहीं है. मामला सामने आने के बाद जितिन प्रसाद के मंत्रालय के ओएसडी के खिलाफ विजिलेंस जांच और विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए. इसे लेकर जितिन प्रसाद नाराज बताए जा रहे हैं. वह इस संबंध में सीएम योगी से मुलाकात भी कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि जल्द ही उनकी गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हो सकती है.
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वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय में भी तबादला नीति को दरकिनार कर ट्रांसफर के मामले सामने आए हैं. कई ऐसे लोगों की दूर जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया जिन्हें रिटायर होने में कुछ ही समय बाकी था. वहीं एक ही जिले में तैनात पति-पत्नी का भी दूर जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में भी जांच के आदेश दे दिए हैं.
इसके अलावा जलशक्ति मंत्रालय में राज्यमंत्री दिनेश खटीक भी नाराज बताए जा रहे हैं. उनका कहना है कि खुद मंत्रालय के अधिकारी ही उनकी बात नहीं सुनते हैं. मीडिया में उनके इस्तीफे की भी खबरें सामने आ रही है. वह किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं.
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सीएम योगी ने दिए निर्देश
इन मामलों के सामने आने के बाद सीएम योदी ने सभी कैबिनेट मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वह राज्यमंत्रियों के साथ तालमेल बैठाकर काम करें. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार, अनियमितता की एक भी घटना बर्दाश्त नहीं है. मंत्रियों के कहा कि वह अपने अधिकारियों पर नजर रखें और कोई भी काम जल्दबाजी में ना करें. उन्होंने ये भी कहा कि मंत्रियों को हर काम के लिए अपने अधिकारियों पर ही भरोसा नहीं करना चाहिए. वह मंत्रालय के काम पर बारीकी से नजर रखें.
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