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भारत
दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में संविधान दिवस पर बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी का माइक बंद हो गया. इस पर उन्होंने कहा कि मैं फिर भी बोलूंगा.
Rahul Gandhi's mic is switched off: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी दिल्ली के तालकटोरा स्डेडियम में संविधान रक्षक कार्यक्रम में शामिल हुए. यह कार्यक्रम संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित कराया गया. इस कार्यक्रम में उन्होंने जाति जनगणना के बारे में बात की. उन्होंने कहा- जहां हमारी सरकार आएगी, हम वहां जाति जनगणना कराएंगे. अभी ये काम हम तेलंगाना में कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी का माइक काफी देर तक बंद रहा.
'मैं फिर भी बोलूंगा'
राहुल गांधी का माइक करीब 6 मिनट तक बंद रहा. इस पर उन्होंने कहा- जो दलितों की बात करता है उसका माइक बंद कर दिया जाता है. लेकिन मैं फिर भी बोलूंगा. मेरा माइक जितना ऑफ करना है कर लो, लेकिन मैं फिर भी अपना बात पूरी करके रहूंगा. इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि इस देश में पिछले 3000 सालों से जो भी दलितों, आदिवासियों, पिछड़े वर्गों, गरीबों की बात करता है, उसका माइक बंद कर दिया जाता है.
जाति जनगणना क्यों?
राहुल गांधी ने मंच से कहा कि पूरा देश जानता है कि हिंदुस्तान की जनगणना देखें तो 15 प्रतिशत दलित, 15 प्रतिशत अल्पसंख्यक, लेकिन पिछड़े वर्ग के कितने हैं, ये नहीं पता. पिछड़ा वर्ग 50 प्रतिशत से कम नहीं है. हिंदुस्तान की 90 प्रतिशत आबादी इन्हीं वर्गों से है.
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'ये सिर्फ संविधान की किताब नहीं'
राहुल गांधी ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि हजारों साल की सोच है. इसमें गांधी, अंबेडकर, बुद्ध, फुले जैसे महान लोगों की आवाज है. पर क्या इस संविधान में आपको सावरकर की आवाज दिखाई देती है, नहीं. संविधान में कहीं नहीं लिखा कि हिंसा का प्रयोग करना चाहिए. किसी को मारना या डराना चाहिए. झूठ बोलकर सरकार चलानी चाहिए. संविधान अहिंसा का रास्ता दिखाता है. संविधान सत्य और अहिंसा की किताब है. संविधान हिंसा की इजाजत नहीं देता.
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