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Maharashtra vs Karnataka की जंग के बीच अब बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि दोनों में ही एक ही पार्टी की सरकारें हैं.
डीएनए हिंदी: मेघालय और असम (Assam vs Meghalaya) के बीच जारी सीमा विवाद के दौरान ही अब महाराष्ट्र कर्नाटक (Maharashtra vs Karnataka) का टकराव भी चर्चा में आ गया है. दोनों राज्यों के बीच सीमा का विवाद है. इस पूरे खेल में भाजपा (BJP) फंस गई है क्योंकि दोनों ही राज्यों में भाजपा की ही सरकार है. ऐसे में जब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बयान दिया तो उस पर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई का कटाक्ष भी आया था.
दरअसल, हाल ही में एक बयान में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आक्रामक बयान देते हुए कहा था कि महाराष्ट्र की सीमा का एक भी गांव कर्नाटक के हिस्से में नहीं जाएगा. उनके इस बयान को काफी आक्रामक माना जा रहा है. इस बयान पर कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने नाराजगी जताई है. उन्होंनें इस बयान को उकसावे वाला बताया है.
देवेंद्र फडणवीस ने अपने बयान में कहा था कि महाराष्ट्र का कोई गांव कर्नाटक में नहीं जाएगा. राज्य सरकार बेलगाम, करवर, निपानी समेत मराठी भाषी गांव हासिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से लड़ेगी. राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी साफ कर दिया है कि महाराष्ट्र के किसी गांव को दूसरे किसी राज्य में शामिल नहीं होने दिया जाएगा.
आपको बता दें कि पिछले 6 दशकों के कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच विवाद है. महाराष्ट्र ने स्वतंत्रता के समय भाषा के आधार पर बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा रहे बेलगावी पर दावा किया था. वहीं महाराष्ट्र की सीमा से सटे इस गांव में मराठी बोलने वाले काफी बड़ी संख्या में हैं. हालांकि कर्नाटक इसे अपना हिस्सा बताता रहा है. इस मुद्दे पर दोनों राज्य सुप्रीम कोर्ट भी जा चुके हैं.
गौरतलब है कि दोनों राज्य अब इस मुद्दे पर अदालती लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार ने इस विवाद को लेकर कानूनी टीम के साथ दो मंत्री भी तैनात किए हैं. वहीं, कर्नाटक सरकार के मंत्री बोम्मई सरकार भी मुकुल रोहतगी और श्याम दीवान समेत के साथ मिलकर दिग्गज वकीलों की फौज उतारने की तैयारी कर रही है.
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आपको बता दें कि हाल ही में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा था कि सांगली के जाट तहसील के गांव कर्नाटक का हिस्सा थे. उनके इन दावों को लेकर महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजित पवार ने सीएम और डिप्टी सीएम से सफाई मांगी थी जिसके चलते महाराष्ट्र में भी इस मुद्दे पर सियासत गर्म हो गई है.
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