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भारत
Manipur BJP-JDU News: नीतीश कुमार ने आधे घंटे बाद ही मणिपुर सरकार से जेडीयू के समर्थन वापसी को खारिज कर दिया और स्टेट प्रेसिडेंट वीरेंद्र सिंह को पद से हटा दिया.
देश की राजनीति में उस समय हड़कंप मच गया जब बुधवार को अचानक नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने ऐलान किया कि उन्होंने मणिपुर में बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. इस खबर के बाद सियासी गलियारों में अटकलों को दौर शुरू हो गया और कयास लगाए जाने लगे कि बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार फिर पलटी मारने वाले हैं. लेकिन आधा घंटा भी नहीं बीता था कि JDU ने पलटी मारते बयान जारी किया कि मणिपुर में समर्थन वापस नहीं लिया जा रहा, उसका बीजेपी से गठबंधन जारी रहेगा.
नीतीश कुमार ने आधे घंटे बाद ही मणिपुर सरकार से जेडीयू के समर्थन वापसी को खारिज कर दिया और स्टेट प्रेसिडेंट वीरेंद्र सिंह पद से हटा दिया. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन ने बयान जारी कर कहा, 'जेडीयू ने मणिपुर प्रदेश अध्यक्ष क्षेत्रीमयुम बीरेन सिंह को अनुशासनहीनता के आरोप में पदमुक्त कर दिया गया है. जिन्होंने राज्यपाल को समर्थन वापस लिए जाने का पत्र लिखा था. उन्होंने कहा कि मणिपुर में बीजेपी के साथ जेडीयू का गठबंधन जारी रहेगा.'
राज्यपाल को लिखा गया था पत्र
बीरेन सिंह ने राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को एक पत्र लिखकर बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने के फैसले की जानकारी दी थी. उन्होंने पत्र में यह भी कहा था कि पार्टी के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्षी खेमे में बैठेंगे. राज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, ‘2022 में हुए मणिपुर विधानसभा चुनाव में जदयू के 6 विधायक जीते थे, जिनमें से 5 विधायक कुछ समय बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. इन 5 विधायकों के खिलाफ दसवीं अनुसूची के तहत सुनवाई विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष लंबित है.'
प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, ‘कुछ भ्रामक खबरें जद(यू) की मणिपुर इकाई के संबंध में आई हैं. स्पष्ट करना चाहूंगा कि मणिपुर इकाई के अध्यक्ष को पद से अनुशासनहीनता के आरोप में पद मुक्त किया जा चुका है.
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा में BJP के पास 37 सदस्य हैं. इसके अलावा, भाजपा को नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मणिपुर में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जेडीयू ने 38 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से 6 सीट पर जीत मिली. उनमें से पांच विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया.
(With PTI inputs)
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