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एक फिल्म...एक आंदोलन और एक बेमिसाल इतिहास, आमिर खान की लगान को पूरे हुए 24 साल

2001 में रिलीज हुई फिल्म Lagaan: Once Upon A Time ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी. फिल्म ने अपने 24 साल पूरे कर लिए हैं और आज भी इस मूवी से जुड़े किस्सा और कहानियां वायरल होती रहती हैं.

एक फिल्म...एक आंदोलन और एक बेमिसाल इतिहास, आमिर खान की लगान को पूरे हुए 24 साल

Lagaan Once Upon A Time 

24 साल पहले एक फिल्म रिलीज हुई थी...नाम था लगान. मूवी में बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्टनिस्ट आमिर खान (Aamir Khan) ने लीड रोल निभाया था. आशुतोष गोवारिकर (Ashutosh Gowariker) के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म की कहानी 1893 में ब्रिटिश राज के समय की थी. इस फिल्म को बनाना आसान नहीं था. बड़ी कास्ट, गांव का माहौल सब मिलाना बहुत चुनौती भरा था. लेकिन इन सब मुश्किलों के बाद जो मिला, वो कल्ट क्लासिक बन गया. यहां तक कि लगान उस समय की सबसे महंगी फिल्मों में से एक थी और इसी तभी कल्ट स्टेटस मिल गया था जो आज भी बरकरार है.

लगान वंस अपॉन अ टाइम इन इंडिया की कहानी मध्य भारत के एक गांव के लोगों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो सूखे और भारी लगान से परेशान हैं. तभी एक घमंडी अंग्रेज अफसर उन्हें क्रिकेट मैच की चुनौती देता है. उसने शर्त रखी कि अगर गांववाले जीत जाएं तो उन्हें टैक्स यानी लगान नहीं देना होगा. अब गांववालों के सामने एक बिल्कुल नया खेल सीखने और खेलने की चुनौती थी, जिसमें जीत ही उनकी आजादी का रास्ता बन सकती थी. ये कहानी जितनी मुश्किल थी, उतनी ही खूबसूरती से इसे निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने परदे पर उतारा था. स्क्रिप्ट से लेकर डायलॉग्स तक, म्यूजिक से लेकर एक्टिंग तक, हर चीज ने मिलकर लगान को एक शानदार फिल्म बना दिया.

लगान सिर्फ एक शानदार फिल्म नहीं, बल्कि एक मील का पत्थर भी है क्योंकि ये आमिर खान प्रोडक्शंस की पहली फिल्म थी. यहीं से आमिर खान ने फिल्म प्रोडक्शन की दुनिया में कदम रखा था. हालांकि शुरुआत में वो स्पोर्ट्स फिल्म करने को लेकर थोड़ा हिचकिचा रहे थे, लेकिन बाद में जब उन्होंने हामी भरी तो पूरे परफेक्शन के साथ इस प्रोजेक्ट को अंजाम दिया. लगान में उनकी एक्टिंग के लिए उन्हें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी अवॉर्ड में बेस्ट एक्टर का खिताब भी मिला था. क्रिकेट और ब्रिटिश राज पर बनी इस जोखिम भरी पीरियड फिल्म को सपोर्ट करके आमिर ने 2001 में इतिहास रच दिया था.

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इसके अलावा लगान आज अपनी हर एक चीज के लिए याद की जाती है. फिल्म अमिताभ बच्चन की दमदार आवाज के नैरेशन के साथ शुरू होती है. फिल्म में एआर रहमान का बेहतरीन संगीत था. गाने के बोल जावेद अख्तर ने लिखे थे जिसने चार चांद लगा दिए थे. फिल्म के गाने 'घनन घनन, 'मितवा', 'राधा कैसे ना जले', 'ओ रे छोरी', 'चले चलो' और 'ओ पालनहारे' अमर हो गए हैं. इसके शानदार म्यूजिक को तीन नेशनल अवॉर्ड मिले. एआर रहमान को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन, उदित नारायण को मितवा के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर और जावेद अख्तर को घनन घनन और राधा कैसे ना जले के लिए बेस्ट लिरिक्स का अवॉर्ड मिला था. 

यही नहीं फिल्म को बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट, बेस्ट ऑडियोग्राफी, बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन, बेस्ट आर्ट डायरेक्शन और बेस्ट कोरियोग्राफी के लिए भी नेशनल अवॉर्ड्स से नवाजा गया था.

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इसके अलावा लगान भारत की तीसरी फिल्म बनी जिसे ऑस्कर के लिए नॉमिनेशन मिला था. फिल्म ने आठ फिल्मफेयर अवॉर्ड्स अपने नाम किए और मेनस्ट्रीम भारतीय सिनेमा का चेहरा ही बदल कर रख दिया था. ये सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि एक आंदोलन था, जिसने ये साबित कर दिया कि अगर कहानी दमदार हो और भरोसे के साथ कही जाए, तो वह हर रुकावट पार कर सकती है और दिल भी जीत सकती है.

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